Election 2023: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज सालासर के दौरे पर रहेंगे. वे सालासर में बालाजी के दर्शन व पूजा अर्चना कर देश प्रदेश की खुशहाली की कामना करेंगे. सीएम गहलोत शाम 4 बजे के करीब हेलीकॉप्टर से सालासर पहुंचेंगे. इसके बाद हेलीपेड पर कार्यकर्ताओं से मिलकर वे बालाजी मंदिर में जाएंगे. मंदिर में पुजारी परिवार द्वारा गहलोत को बालाजी की पूजा अर्चना करवाई जाएगी. सीएम के दौरे को लेकर सीकर संभागीय आयुक्त मोहनलाल यादव, सीकर आईजी सत्येंद्र सिंह, चूरू कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग, चूरू एसपी राजेश मीणा ने हेलीपेड स्थल व सालासर बालाजी मंदिर में जाकर तैयारियों का जायजा लिया. कांग्रेस जिलाध्यक्ष भंवरलाल पुजारी, इंद्राज खीचड़ ने अधिकारियों से मिलकर स्थानीय वयवस्थाओं से अवगत करवाया. चुनावी दौर में सीएम का यह कार्यक्रम राजनीतिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. गहलोत शाम 5.30 बजे हेलीपेड स्थल से जयपुर के लिए रवाना हो जाएंगे.
आचार संहिता लगने से पहले सीएम का दौरा
राजस्थान में जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है, वैसे ही अब चुनाव सरगमियां बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. प्रदेश में बड़े नेताओं के दौरे जारी हैं. इसी कड़ी में जयपुर में जहां बीते शनिवार को कांग्रेस ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे व पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सहित बड़े नेतओं की जयपुर में बड़ी सभा करवाकर अपनी ताकत दिखाई तो वहीं सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर में बड़ी जनसभा कर भाजपा कार्यकर्ताओं में नया उत्साह भरा. वहीं प्रदेश के मुखिया सीएम अशोक गहलोत ने चुनाव से ठीक पहले बड़ी-बड़ी घोषणाएं माहौल को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं. इस बीच अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आचार संहिता लगने से पहले बजरंगबली के शरण में आ रहे हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आज साम 4 बजे सालासर पहुंचेंगे. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 28 सितंबर को सालासर पहुंचकर बालाजी महाराज के दर्शन कर पूजा अर्चना करने का प्रस्तावित कार्यक्रम था, लेकिन कार्यक्रम से ठीक पहले कार्यक्रम में बदलाव करते हुए इसे एक दिन पहले कर दिया गया.
हिंदुओं को खास संदेश देना चाहते हैं गहलोत
इससे पहले सीएम अशोक गहलोत कई मौका पर सालासर बालाजी मंदिर में आ चुके हैं. अब क्योंकि चुनाव नजदीक हैं, ऐसे में सीएम अशोक गहलोत का सालासर बालाजी मंदिर में आना कई मायनों में महत्वपूर्ण है. राजनीतिक पंडित इसके कई अर्थ निकाल रहे हैं. राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो सीएम अशोक गहलोत के दौरे से इशारा मिलता है कि अब राजस्थान में कांग्रेस शुरुआत से ही बजरंगबली का आशीर्वाद चाहती है. सालासर को इसलिए चुना गया है क्योंकि पिछले साल सालासर बालाजी का गेट गिरा दिया गया था. इसे लेकर भाजपा ने सरकार की खूब आलोचना की थी. अब कांग्रेस सालासर बालाजी के बहाने प्रदेश की जनता को सकारात्मक संदेश देना चाहती है. हाल ही में भी भाजपा द्वारा निकाली गई परिवर्तन यात्रा में सालासर गेट का दरवाजा गिरे जाने का मामला उठा रही थी. विशेष रूप से नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ इस मामले को लेकर कांग्रेस पर हमलावर थे. अपनी हर सभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ कांग्रेस को हिंदू विरोधी बता रहे हैं, और कांग्रेस के ऊपर हिंदुओं के धार्मिक कार्यक्रमों में अर्चन डालने का आरोप लगा रहे हैं. वहीं सीएम अशोक गहलोत सालासर का दौरा कर हिंदू मतदाताओं में भी संदेश देना चाहते हैं.
राजे ने भी सालासर में मनाया था जन्मदिन
सालासर बालाजी क्यों अब इतने अहम होते जा रहे हैं? राजनीतिक दृष्टि से इसका एक उदाहरण यह भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपना जन्मदिन इस बार सालासर में आकर ही मनाया था. पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का सालासर धाम में जन्मदिन का कार्यक्रम एक शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा गया. इस धार्मिक अनुष्ठान में बड़ी संख्या में राजे समर्थक और भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. इस दौरान वसुंधरा ने सालासर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए विशाल सभा की थी. सभा में लाखों की संख्या में भीड़ जुटी थी. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने जमकर कांग्रेस पर हमला बोला था. वह इसी दिन भाजपा का विधानसभा घेराव का कार्यक्रम भी आयोजित हुआ था, जिसमें राजे के शामिल नहीं होने पर चर्चाएं भी खूब हुई थी.