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अजमेर में भीषण हादसा, खेत से लौट रहे परिवार को ट्रेलर ने कुचला; पति, पत्नी और बेटे की मौके पर ही मौत 

एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है. सरपंच प्रतिनिधि शिवराज गुर्जर ने कहा कि लगातार हो रहे हादसों और प्रशासन की अनदेखी से लोग त्रस्त हैं. उन्होंने बताया कि अब ग्रामीण सामूहिक रूप से कल घटनास्थल पर हाईवे जाम करेंगे.

अजमेर में भीषण हादसा, खेत से लौट रहे परिवार को ट्रेलर ने कुचला; पति, पत्नी और बेटे की मौके पर ही मौत 
हादसे के बाद के हालात

अजमेर जिले के कायड़ गांव निवासी रावलाल, उनकी पत्नी कांता देवी और बेटा मयंक रविवार शाम खेत से कार में घर लौट रहे थे. जानकारी के अनुसार, गगवाना गांव स्थित अपने खेत से वापस आते समय नेशनल हाईवे-89 पर बीकानेर रोड के पास एक तेज रफ्तार ट्रेलर ने उनकी कार को जोरदार टक्कर मार दी. हादसा इतना भीषण था कि स्थानीय लोग मौके पर इकट्ठा हो गए और तुरंत एंबुलेंस को सूचना दी.

एंबुलेंस के जरिए तीनों घायलों को गंभीर हालत में अजमेर के जेएलएन अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद तीनों को मृत घोषित कर दिया. शवों को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है. सूचना पर गगल थाना पुलिस मौके पर पहुंची और हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है.

ग्रामीणों में रोष, कल हाईवे जाम कर करेंगे विरोध प्रदर्शन

एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत से ग्रामीणों में गहरा आक्रोश है. सरपंच प्रतिनिधि शिवराज गुर्जर ने कहा कि लगातार हो रहे हादसों और प्रशासन की अनदेखी से लोग त्रस्त हैं. उन्होंने बताया कि अब ग्रामीण सामूहिक रूप से कल घटनास्थल पर हाईवे जाम करेंगे. इस दौरान पुलिया निर्माण शुरू कराने, सर्विस रोड पूरा करने और सुरक्षा व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग जोरशोर से उठाई जाएगी. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक प्रशासन ठोस कदम नहीं उठाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा. हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक और गुस्से का माहौल है, और लोग मृतक परिवार के लिए न्याय तथा हाईवे पर सुरक्षा सुधार की मांग कर रहे हैं.

पांच साल पहले बना हाईवे बना मौत का रोड, अब तक 50 से ज्यादा मौत 

स्थानीय लोगों के अनुसार हाईवे-89 करीब पांच साल पहले तैयार हुआ था, लेकिन प्रशासन और ठेकेदारों ने आज तक सर्विस रोड पूरा नहीं बनाया. चारों तरफ अधूरे निर्माण और अव्यवस्थित ट्रैफिक के कारण यह मार्ग लगातार दुर्घटनाओं का केंद्र बना हुआ है. ग्रामीणों ने बताया कि शिवजी चौराहे से लेकर विश्राम स्थली तक इस मार्ग को ‘मौत की रोड' कहा जाने लगा है. अब तक 50 से ज्यादा लोगों की जान इस हाईवे की खामियों के कारण जा चुकी है.

सरपंच प्रतिनिधि शिवराज गुर्जर ने बताया कि इस मुद्दे पर पहले भी पुलिया निर्माण और अन्य व्यवस्थाओं की मांग उठाई जा चुकी है, लेकिन करीब एक साल से काम पूरी तरह रुका पड़ा है. प्रशासन और ठेकेदार की लापरवाही के चलते आए दिन गंभीर हादसे हो रहे हैं, लेकिन किसी स्तर पर सुधार के प्रयास नहीं किए जा रहे.

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