14 महीने बाद गुढ़ा के गढ़ उदयपुरवाटी पहुंचे CM गहलोत, लाल डायरी पर मचे बवाल के बीच चला बड़ा मास्टरस्ट्रोक

CM Gehlot reached Udaipurwati: बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 14 महीने बाद उदयपुर वाटी पहुंचे. उदयपुर वाटी के मौजूदा विधायक राजेंद्र गुढ़ा है, जिन्होंने लाल डायरी से गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ा रखी है.

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राजस्थान में जनसभा को संबोधित करते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत.

Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान जोरों पर जारी है. प्रदेश की 199 सीटों पर 25 नवंबर को मतदान होना है. चुनाव प्रचार समाप्त होने में अब मात्र 8 दिन बाकी रह गए हैं. ऐसे में कांग्रेस, भाजपा सहित अन्य दलों ने राष्ट्रीय नेताओं के साथ-साथ प्रदेश स्तर के नेताओं के ताबड़तोड़ दौरे, जनसभाएं और रैलियां जारी है. इसी कड़ी में बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत झूंझुनू जिले की उदयपुर वाटी विधानसभा में पहुंचे. उदयपुर वाटी से इस समय राजेंद्र गुढ़ा विधायक हैं.

जिन्हें कुछ महीनों पहले गहलोत सरकार ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद गुढ़ा ने राजस्थान की राजनीति में भुचाल लाने वाले लाल डायरी का शिगुफा छोड़ा. गुढ़ा के इस डायरी ने राजस्थान की सियासी तपिश बढ़ा रखी है. एक दिन पहले भी गुढ़ा ने लाल डायरी के 4 पन्ने वायरल किए. जिसके बाद गहलोत सरकार पर कई सवाल उठने लगे. 

गुढ़ा के बेटे के बर्थडे पर उदयपुरवाटी आए थे गहलोत

इस बीच लाल डायरी के 4 पन्ने वायरल होने के एक दिन बाद उदयपुर वाटी पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बड़ा मास्टर स्ट्रोक चल दिया है. बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुरवाटी में करीब 14 माह पहुंचे. पिछली बार अशोक गहलोत अपने मंत्रिमंडल के सदस्य राजेंद्र सिंह गुढ़ा के बेटे शिवम के जन्मदिन पर आए थे और कहा था कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा के कारण ही वे मुख्यमंत्री है. 

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लेकिन उसके बाद से अशोक गहलोत और राजेंद्र गुढा में तल्खी इतनी बढ़ गई कि आखिरकार मुख्यमंत्री अशोक​ गहलोत को राजेंद्र सिंह गुढ़ा को बर्खास्त करना पड़ा. इस पूरे घटनाक्रम के बाद आज पहली बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उदयपुरवाटी आए तो उन्होंने माली कार्ड खेलने की कोशिश करने के साथ अपना दर्द भी शब्दों के जरिए बयां किया. 

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भगवानराम सैनी को कांग्रेस ने दिया है टिकट

उन्होंने कहा कि इस बार फिर से कांग्रेस ने भगवानाराम सैनी को चुनाव मैदान में उतारा है. पिछली बार सरकार की स्थिति ऐसी बन गई थी कि जो लोग कांग्रेस के नहीं थे. उन्हें भी साथ लेना पड़ा. यही कारण रहा कि भगवानाराम सैनी भी उदयपुरवाटी में कोई काम नहीं कर पाए. लेकिन अब उन्होंने उदयपुरवाटी को गोद ले लिया है. साथ ही सभी से वादा किया कि उदयपुरवाटी में यदि कांग्रेस को जिताओगे तो फिर से उदयपुरवाटी आएंगे और धन्यवाद देंगे. 

माली कार्ड खेलते हुए गहलोत ने चला मास्टर स्ट्रोक

इस मौके पर उन्होंने कहा कि उन्हें गर्व है कि वे माली है. वे एक माली की तरह ही राजस्थान को सजाने-संवारने और उन्नत बनाने का काम कर रहे है. उन्होंने यहां पर माली कार्ड खेलते हुए कहा कि उन्हें जानकारी मिली है कि उदयपुरवाटी में माली समाज के लोग ज्यादा रहते है. इसलिए सभी को गर्व होना चाहिए कि उनके माली समाज का एक कार्यकर्ता प्रदेश में शासन कर रहा है. जिसके शासन की प्रशंसा पूरा देश और प्रदेश करता है. 

उन्होंने कहा कि सभी चाहते है कि वे फिर से मुख्यमंत्री बनें. फिर से कांग्रेस की सरकार बने. लेकिन यदि हम भगवानाराम सैनी जैसे प्रत्याशियों को विधायक बनाकर नहीं भेजेंगे तो ना ही सरकार बन सकती है और ना ही वे मुख्यमंत्री बन सकते है. इस मौके पर मंच पर परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला, कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश सुंडा, उदयपुरवाटी चेयरमैन रामनिवास सैनी समेत अन्य कांग्रेस नेता मौजूद थे.

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