
Ravindra Singh Bhati: शिव से निर्दलीय विधायक और लोकसभा बाड़मेर-जैसलमेर से लोकसभा चुनाव लड़ चुके रविंद्र सिंह भाटी ने विधानसभा में कहा कि जब वो लोकसभा चुनाव का नामांकन भरने के बाद घर पहुंचे तो उनके घर पर इनकम टैक्स के नोटिस आए हुए थे. उन्होंने कहा कि अगर हम ही जनता की आवाज़ नहीं उठाएंगे तो, कौन उठाएगा ?
भाटी ने कहा कि ''जैसलमेर-बाड़मेर के लोगों ने मझसे कहा कि आप चुनाव लड़ो, लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने के बाद मेरे ऊपर 3-3 मुकदमें किये गए, क्या हम लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 'यह बात भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं को, राजस्थान के मुख्या को पता भी नहीं होगा, लेकिन यह पीछे वाले लोग ऐसा करते हैं, इससे सरकार की बदनामी होती है''
इससे पहले गुरुवार को भाटी ने विश्वविद्यालों में कुलपति की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे. राजस्थान विश्वविद्यालयों की विधियां संशोधन विधेयक-2025 पर चर्चा के दौरान भाटी ने कुलपति नियुक्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा था, ''जो जितनी बड़ी अटैची देता है, उसे कुलपति बना दिया जाता है. ''
''खाली पड़े प्रोफेसर पदों को जल्द भरा जाए''
रविंद्र भाटी ने कहा था, ''अगर विश्वविद्यालयों की यह स्थिति बनी रही तो उच्च शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जाएगा. उन्होंने सरकार से मांग की कि खाली पड़े प्रोफेसर पदों को जल्द भरा जाए और विश्वविद्यालयों में पारदर्शिता लाने के लिए कठोर कदम उठाए जाएं.''
बहस के दौरान निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने कुलपति नियुक्तियों पर गंभीर सवाल उठाए. भाटी ने कहा था, ''राजस्थान में विश्वविद्यालयों की हालत दयनीय होती जा रही है और योग्य शिक्षाविदों को कुलपति बनने का मौका नहीं मिल रहा. भाटी ने कहा कि आज कुलपति कैसे बनाए जाते हैं? जो बड़ी अटैची लाता है, उसे कुलपति बना दिया जाता है.''
''मंत्री विश्वविद्यालयों के दौरे करें''
''शिक्षा नीति को खत्म किया जा रहा है और यह हम 200 विधायक ही जिम्मेदार हैं. उन्होंने सरकार से मांग की कि मंत्री विश्वविद्यालयों के दौरे करें, सर्किट हाउस में रुकने की बजाय कुलपति और छात्रों के साथ बैठक करें, विश्वविद्यालयों को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाएं.''
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