Ajmer ACB Action: भ्रष्टाचार के खिलाफ अजमेर एसीबी की स्पेशल यूनिट ने सोमवार की देर रात बड़ी कार्रवाई की है. एनडीपीएस एक्ट में आरोपियों को फायदा पहुंचाने के लिए कॉन्स्टेबल के एक करीबी को 45000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है. वहीं, इस रिश्वतखोरी के इस केस में शामिल ब्यावर के बदनोर थाना प्रभारी और कॉन्स्टेबल एसीबी कार्रवाई की भनक लगते ही मौके से फरार हो गए. दोनों को एसीबी की टीम तलाश कर रही है. उधर एसीबी की कार्रवाई के बाद ब्यावर एसीपी ने बदनोर थाना प्रभारी और कॉन्स्टेबल को निलंबित कर दिया है.
रिश्वत में मांगे 3 लाख रुपये
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि अजमेर एसीबी की स्पेशल यूनिट इकाई को एक लिखित शिकायत मिली थी. जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया कि उसके भाई व भतीजे के खिलाफ ब्यावर के बदनौर थाने में एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा में गिरफ्तार नहीं करने, मारपीट नहीं करने और जेल नहीं भेजने की एवज में थाना अधिकारी नारायण सिंह खीड़िया और कांस्टेबल अशोक कुमार 3 लाख की रिश्वत मांग रहे हैं.
1 लाख रुपये पर बनी थी सहमति
मगर पीड़ित द्वारा 1 लाख रिश्वत देने की बात पर सहमति बन गई. जिस पर अजमेर एसीबी यूनिट ने शिकायत का सत्यापन किया. इसके बाद 23 दिसंबर 2024 की देर रात जिला ब्यावर के बदनौर थाने में ट्रैप की कार्रवाई की गई, जिसमें थाने में तैनात कॉन्स्टेबल अशोक कुमार के कहने पर उसके परिचित कैलाश गुर्जर (प्राइवेट व्यक्ति) को परिवादी से 45000 रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया.
रिश्वत की रकम में 5000 रुपये भारतीय मुद्रा और 40 हजार रुपये के डमी नोट थे. पूछताछ में रिश्वत लेने में कैलाश गुर्जर की संलिप्तता साबित नहीं हुई, जिसके बाद छोड़ दिया गया.
उधर एसीबी की टीम जैसे ही बदनौर थाने पहुंची तो भनक लगते ही थाना अधिकारी नारायण सिंह खीड़िया और कॉन्स्टेबल अशोक कुमार मौके से फरार हो गए.
थाना प्रभारी और कॉन्स्टेबल फरार
दोनों को पकड़ने के लिए एसीबी की टीम लगातार उनके ठिकानों पर दबिश देकर तलाश कर रही है. उधर ब्यावर के एसपी श्याम सिंह भी थाने में रिश्वतखोरी को लेकर एक्शन में आ गए. उन्होंने तत्काल बदनोर थाने के प्रभारी नारायण सिंह खीड़िया और कांस्टेबल अशोक कुमार को एनडीपीएस एक्ट में रिश्वत मांगने पर निलंबित कर दिया है.
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