DC Seema Chaudhary: जयपुर में हवामहल जोन की डीसी सीमा चौधरी से रिश्वत मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने पूछताछ की है. बताया जा रहा है कि अतिक्रमण नहीं हटाने के एवज में डेढ़ लाख रुपये रिश्वत मांगी गई थी. यह रिश्वत एक सफाई कर्मचारी ने मांगी थी. जिसे एसीबी ने गिरफ्तार किया है. एसीबी ने रिश्वत की राशि वापस लेने को लेकर ट्रैप किया है. जबकि इस मामले में हवा महल जोन की डीसी सीमा चौधरी की भूमिका को लेकर भी एसीबी ने जांच की है. एसीबी की टीम ने सीमा चौधरी से घंटों पूछताछ की है. वहीं डीसी से एसीबी की पूछताछ को लेकर मामला सुर्खियों में आ गया है.
30 हजार रुपये वापस लेते पकड़ा गया सफाई कर्मचारी
दरअसल, परिवादी के अतिक्रमण से जुड़ा कोर्ट का आदेश था. वहीं आरोपी सफाई कर्मचारी हरिज्ञान गुर्जर ने कार्रवाई नहीं करने को लेकर डेढ़ लाख रुपये की मांग की थी. इसके लिए उसे 50000 रुपये भी दिये गए थे. लेकिन आरोपी सफाई कर्मचारी एक महीने से पूरे पैसे की डिमांड कर रहा था और कह रहा था कि पैसे दोगे तो काम करवा दूंगा. वहीं परिवादी ने आरोपी सफाईकर्मी से पैसे वापस मांगे थे. इसकी शिकायत एसीबी से भी की गई थी. वहीं आरोपी 50 हजार में से 30 हजार रुपये वापस देने को तैयार हुआ था. एसीबी की टीम ने पैसे वापस करने रिवर्स ट्रैप के लिए कार्रवाई कर सफाई कर्मचारी को 30 हजार रुपये वापस देते गिरफ्तार किया गया.
डीसी सीमा चौधरी ने एसीबी की पूछताछ का नहीं दिया जवाब
अब इस मामले में हवामहल जोन उपायुक्त सीमा चौधरी की भूमिका को लेकर एसीबी पूछताछ कर रही है. जबकि पूरे मामले पर सीमा चौधरी ने आरोपों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा है कि मैंने हाल ही में हवा महल जोन के डीसी के पद पर ज्वाइन किया है. उन्हें इस बारे में कोई बात नहीं पता है. वहीं एसीबी की कार्रवाई के बारे में उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
बता दें, जयपुर में हाल ही में नगर निगम हेरिटेज ने अवैध निर्माण और अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी. माना जा रहा है कि इससे मामला जुड़ा हो सकता है. अतिक्रमण की कार्रवाई को लेकर निगम मेयर कुसुम यादव ने आदेश दिया था. जिसके बाद सभी जोन के उपायुक्त (DC) ने अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई कर अवैध निर्माण को ध्वस्त किया था. इसमें हवा महल जोन की डीसी सीमा चौधरी ने छह जगहों को अवैध निर्माण को लेकर सीज किया था. वहीं अवैध निर्माण रोकने और हटाने के लिए भवन मालिकों को नोटिस जारी किया गया था. लेकिन निर्माण कार्य नहीं रोकने पर इसे सीज कर लिया गया. जबकि इस अवैध निर्माण को ध्वस्त नहीं किया गया.
लेकिन अब एसीबी के खुलासे के बाद ही इस मामले में जानकारी मिल सकती है. जबकि एसीबी ने इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी है.
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