
Ajmer Organ Donation news: शारदीय नवरात्रि में जहां एक ओर घर-घर में घट स्थापना की जा रही है, वहीं दूसरी ओर अजमेर के जेएलएन अस्पताल के एक परिवार के चिराग ने जाने से पहले 3 लोगों को जीवनदान देकर मानवता की मिसाल कायम की. केकड़ी क्षेत्र के 16 साल के दुर्गा गुर्जर को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था. इसके बाद परिवार ने हिम्मत दिखाई और अंगदान का फैसला किया. समय के अभाव में युवक का हृदय चेन्नई नहीं भेजा जा सका, लेकिन लिवर और फेफड़े ग्रीन कॉरिडोर के जरिए जयपुर एसएमएस अस्पताल पहुंच गए. साथ ही जरूरतमंद मरीजों को ट्रांसप्लांट के लिए किडनी और अन्य अंग भी बचा लिए गए.
बेटे के ब्रेन डेड के बाद पिता ने किया अंगदान फैसला
दुर्गा नौवीं कक्षा का छात्र था, जिसे 16 सितंबर को सिरदर्द और उल्टी की शिकायत के बाद जेएचएन अस्पताल लाया गया था. जहां डॉक्टर उसका इलाज कर रहे थे, लेकिन बीते दिन उसकी हालत गंभीर होने पर डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया. जिसके बाद उसके परिवार को दुर्गा के ऑर्गन को डोनेट करने की सलाह दी. इस पर पिता ने हिम्मत दिखाते हुए बेटे के अंगदान का फैसला लिया.
अंगदान ही सच्ची मानवता का परिचय
दुर्गा के पिता के फैसले लेने के बाद अस्पताल प्रशासन, डॉक्टरों और पुलिस की संयुक्त टीम ने डोनर के अंगों को सुरक्षित रूप से जरूरतमंद तक पहुंचाने के लिए ग्रीन कॉरिडोर तैयार कराया. जिसके बाद दुर्गा के अंगों को अस्पतालों कर पहुंचाया.वही जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर अनिल सांवरिया ने दुर्गा के परिवार के इस हौसले को सराहा. साथ ही बताया कि अंगदान में हार्ट 4–6 घंटे, लिवर 6–12 घंटे और किडनी 30 घंटे तक सुरक्षित रहती है, इसलिए समय पर निर्णय बेहद अहम होता है.
वासुदेव देवनानी ने परिवार के कदम को सराहा
उधर, अजमेर दौरे पर आए राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को जब युवक दुर्गा के परिजनों द्वारा उठाए गए इस कदम की जानकारी मिली तो वे अस्पताल पहुंचे और परिजनों द्वारा उठाए गए इस साहसिक कदम की सराहना की.
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