
Ajmer News: भारत की संस्कृति और आध्यात्मिकता के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए सात समंदर पार से विभिन्न देशों से आए 25 सदस्यीय दल ने गुरूवार को राजस्थान के अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में जियारत की. इस दौरान सभी विदेशी पर्यटकों ने दरगाह के परिसर और वहां रहने वाले लोगों की जीवनशैली के बारे में भी जानने की कोशिश की.

जियारत करते हुए 25 सदस्यों का दल
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7 देश के पहुंचे 25 सदस्य दरगाह
यह प्रतिनिधिमंडल पहली बार भारत आया था और इसमें फ्रांस, नॉर्वे, स्वीडन, जर्मनी, पोलैंड, स्विट्जरलैंड और अन्य यूरोपीय देशों के नागरिक शामिल थे. इस यात्रा का उद्देश्य सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समझ को बढ़ावा देना था. दरगाह अजमेर शरीफ के गद्दी नशीन और चिश्ती फाउंडेशन के अध्यक्ष हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने यूरोपीय संघ के देशों से आए 25 सदस्यीय प्रतिष्ठित प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया.
आध्यात्मिक संवाद कई संस्कृतियों के बीच करता है सेतु का काम
यह यात्रा इस बात का प्रमाण थी कि आध्यात्मिक संवाद किस तरह संस्कृतियों के बीच सेतु का काम कर सकता है और प्रेम, सहानुभूति और सहयोग पर आधारित भविष्य का निर्माण कर सकता है. प्रतिनिधिमंडल सूफी सिद्धांतों और अजमेर शरीफ की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत की गहरी समझ के साथ लौटा और अपने समुदायों और जीवन में “सभी के लिए प्रेम, किसी से नफरत नहीं” के संदेश को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया.

मांगी वैश्विक शांति की दुआ
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और समझ के लिए की प्रार्थना
प्रतिनिधिमंडल ने अजमेर शरीफ के पवित्र वातावरण का अनुभव किया, जिसने सदियों से दुनिया भर से आध्यात्मिक साधकों को आकर्षित किया है. इस यात्रा में विशेष प्रार्थनाओं के साथ एक निर्देशित ज़ियारत (तीर्थयात्रा) शामिल थी, जहां हाजी सैय्यद सलमान चिश्ती ने वैश्विक शांति और समझ के लिए प्रार्थना की और प्रतिनिधिमंडल और उनके देशों के लिए दुआएं मांगीं.
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