
Wetland Cities In India: झीलों की नगरी के नाम से मशहूर उदयपुर को भारत का पहला वेटलैंड शहर बन सकता है. केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने देश के तीन शहरों को वेटलैंड घोषित करने का प्रस्ताव यूनेस्को की रामसर संस्था को भेजा है. जिसमें राजस्थान का उदयपुर शहर भी शामिल किया गया है.
भारत ने पहले वेटलैंड सिटी मान्यता के लिए राजस्थान के उदयपुर, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और इंदौर शहर का नाम शामिल करने के लिए भेजा है. इन शहरों को वेटलैंड वाले शहर का टैग वहां से प्रस्ताव की मंजूरी मिलते ही मिल सकता है. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने अपने X एकाउंट पर यह जानकारी साझा कर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि देश के पहले तीन शहरों उदयपुर, इंदौर, भोपाल को रामसर साइट के नामांकन के लिए पेश कर दिया गया है.
Delighted to announce the nomination of India's first three cities – Indore, Bhopal, and Udaipur – submitted to @RamsarConv for its prestigious voluntary Wetland City Accreditation scheme. The scheme aims to promote conservation and wise use of urban and peri-urban wetlands as… pic.twitter.com/l7hOFsotP0
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) January 4, 2024
उदयपुर को वेटलैंड सिटी का प्रस्ताव अक्टूबर में अनुमोदित किया
9 अक्टूबर 2023 को उदयपुर की जिला पर्यावरण समिति की बैठक में उदयपुर को वेटलैंड सिटी बनाने का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया था. समिति अध्यक्ष जिला कलेक्टर अरविन्द पोसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में उदयपुर शहर को वेटलैण्ड सिटी घोषित कराने के प्रस्ताव पर चर्चा कर अनुमोदन किया था. इसके बाद यह प्रस्ताव राज्य आर्द्र भूमि प्राधिकरण को भेजा गया और वहां से प्रस्ताव केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया था.
वेटलैंड सिटी के यह होगें फायदे
उदयपुर जिले में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा,
जल स्रोतों के संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा,
साथ ही इको ट्यूरिज्म बढ़ेगा
विश्व में 18 वेटलैंड सिटी, लेकिन भारत से एक भी नहीं
DFO अजय चित्तौड़ा के अनुसार वर्तमान में विश्व में मात्र 18 शहर वेटलैंड सिटी नामित हैं और इनमें भारत से एक भी शहर शामिल नहीं है. वे कहते है उदयपुर प्राकृतिक दृष्टि से समृद्ध है. उदयपुर के जलस्त्रोत वेटलैण्ड सूची में नामित हैं. ऐसे में वेटलैण्ड सिटी घोषित होने पर जलस्त्रोतों के संरक्षण में सहयोग मिलेगा. जलस्त्रोतों के कैचमेंट मैनेजमेंट, वाटरशेड मैनेजमेंट, इको ट्यूरिज्म, एग्रो ट्यूरिज्म आदि गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
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