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राजस्थान में नकली खाद पर सर्जिकल स्ट्राइक, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने उदयपुर में 10 SSP कंपनियों पर छापेमारी की 

मंत्री डॉ. मीणा ने इन गंभीर खामियों पर कड़ी नाराजगी जताई और सभी कंपनी मालिकों को निर्देश दिए कि वे तुरंत सभी कमियों को दुरुस्त करें, अन्यथा उनके खिलाफ भारत सरकार के उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

राजस्थान में नकली खाद पर सर्जिकल स्ट्राइक, मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने उदयपुर में 10 SSP कंपनियों पर छापेमारी की 
फाइल फोटो

Kirodi Lal Meena: राजस्थान में किसानों तक गुणवत्तापूर्ण खाद पहुंचाने की सरकार की मुहिम के तहत कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नेतृत्व में डिकॉय ऑपरेशन लगातार जारी है. अजमेर, जयपुर और श्रीगंगानगर के बाद अब उदयपुर में बड़ी कार्रवाई की गई. जिले में सिंगल सुपर फास्फेट (SSP) खाद बनाने वाली 10 प्रमुख कंपनियों पर अचानक छापेमारी कर उनके प्लांट, स्टॉक और उर्वरक बैचों की गहन जांच की गई.

इस ऑपरेशन के तहत जिन कंपनियों की जांच की गई, उनमें पटेल फास्पोचेम लिमिटेड, रामा फास्फेट्स लिमिटेड, प्रेम सखी फर्टिलाइजर्स, इंडियन फास्फेट लिमिटेड, खीचा फास्पोचेम लिमिटेड, अधिशा फास्फेट, भूमि फास्फेट, साधना फास्फेट एंड केमिकल्स लिमिटेड और देवारी रेलवे ट्रैक से बाहर भेजे जा रहे उर्वरक स्टॉक्स शामिल हैं.

निरीक्षण में मिली गंभीर अनियमितताएं 

कई प्लांट्स में रो मटेरियल और तैयार उर्वरक स्टॉक में मेल नहीं मिला. उर्वरक बैगों पर स्पष्ट लेबलिंग, बैच नंबर व निर्माण तारीखें अंकित नहीं थीं. कंपनियों ने कम सैंपल दिए और स्टॉक रजिस्टरों का रखरखाव सही नहीं पाया गया. कुछ नमूनों की विश्लेषण रिपोर्ट और गुणवत्ता में अंतर मिला.

मंत्री डॉ. मीणा ने इन गंभीर खामियों पर कड़ी नाराजगी जताई और सभी कंपनी मालिकों को निर्देश दिए कि वे तुरंत सभी कमियों को दुरुस्त करें, अन्यथा उनके खिलाफ भारत सरकार के उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

सैंपलिंग और रेलवे ट्रैक पर भी निगरानी

मंत्री ने निर्देश दिया कि इन कंपनियों द्वारा बनाए जा रहे हर बैच का सैंपल लिया जाए और प्रयोगशाला जांच कराई जाए. इसके बाद वे उदयपुर रेलवे स्टेशन के फर्टिलाइज़र रैक पॉइंट पहुंचे, जहां से उर्वरकों को देश के अन्य हिस्सों में भेजा जा रहा था. वहां भी सैंपलिंग और निरीक्षण की प्रक्रिया करवाई गई.

गुणवत्ता पर मंत्री का सख्त संदेश 

कृषि मंत्री ने सभी खाद निर्माताओं को निर्देशित किया कि उत्तम गुणवत्ता का उर्वरक केवल तभी संभव है जब रॉ मटेरियल भी श्रेष्ठ हो. इसलिए उन्होंने कंपनियों को निर्देश दिया कि वे भविष्य में केवल सरकारी या प्रतिष्ठित एजेंसियों से ही कच्चा माल खरीदें. डॉ. मीणा ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को नकली खाद से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक हर खेत में भरोसेमंद खाद नहीं पहुंचे.

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