
Politics on RIMS: राजस्थान में भजनलाल सरकार के जरिए जयपुर स्थित एम्स की तर्ज पर राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) बनाने का फैसला लिया गया है. जिस पर अब विवाद खड़ा होता दिख रहा है. इस फैसले के तहत नया संस्थान बनाने की बजाय पहले से मौजूद राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय ( RUHS) और राज्य कैंसर संस्थान का अधिग्रहण किया जाएगा, जिससे डॉक्टरों और मरीजो पर बुरा असर पड़ना तय माना जा रहा है.
दो संस्थानों की व्यवस्था बिगड़ने पर पड़ेगा विपरीत प्रभाव
इसको लेकर राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार को घेरा है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर इस फैसले के कई गलत परिणामों के बारे में बताया है. जिसमें उन्होंने पहले से स्थापित दो संस्थानों की व्यवस्था बिगड़ने और डॉक्टरों और मरीजों पर इसके विपरीत प्रभाव की बात कही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि आरयूएचएस ( RUHS) पहले से ही एक स्वायत्त विश्वविद्यालय है जिसका नाम कोविड के दौरान बेहतरीन इलाज के लिए पूरी दुनिया में प्रचारित हुआ. इसे रिम्स बनाने से यहां की मेडिकल सीटें भी खत्म हो जाएंगी. भाजपा सरकार को एक पुराने संस्थान को बंद करने की बजाय एक नया संस्थान रिम्स बनाना चाहिए था. अगर रिम्स के रूप में एक नया संस्थान बनता तो जनता को ज्यादा लाभ मिलता और भजनलाल सरकार के नाम भी एक नई उपलब्धि दर्ज होती.
अशोक गहलोत की पोस्ट
राज्य सरकार ने जयपुर में AIIMS की तर्ज पर RIMS अस्पताल बनाने का फैसला लिया परन्तु इस घोषणा के तहत कोई नया संस्थान बनाने की बजाय पहले से बनी RUHS और स्टेट कैंसर इंस्टिट्यूट का ही अधिग्रहण किया जाएगा। इससे पहले से स्थापित दो संस्थानों की व्यवस्था बिगड़ेगी एवं इसका प्रतिकूल असर…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 9, 2025
विशेष अनुदान दिलाकर बनवाएं नया संस्थान
इसके अलावा, इस पोस्ट में उन्होंने डबल इंजन सरकार के दावे पर भी राज्य सरकार को घेरा है और कहा है कि भाजपा के लोग दावा करते थे कि डबल इंजन की सरकार बनने के बाद केंद्र से राज्य को मिलने वाले फंड की कोई कमी नहीं होगी. ऐसे में अगर राज्य के पास फंड नहीं है तो रिम्स के लिए विशेष अनुदान दिलाकर नया संस्थान बनवाएं। पहले से स्थापित संस्थानों का नाम बदलना उचित परंपरा नहीं है.
क्यों हो रहा है RUHS को खत्म करने पर विरोध?
RUHS एक स्वायत्त विश्वविद्यालय है, जिसने कोविड-19 महामारी के दौरान बेहतरीन प्रबंधन और उपचार के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त की थी. विशेषज्ञों का मानना है कि RUHS को RIMS में बदलने से यहाम की मेडिकल सीटें खत्म हो जाएंगी, जिससे मेडिकल शिक्षा को नुकसान होगा.