
Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा पर की गई टिप्पणी से राजस्थान में राजनीतिक हलचल मचा दी है. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा को पद से हटाने के लिए भाजपा के भीतर साजिश होने का आरोप लगाने के बाद अशोक गहलोत ने एक बार फिर यह कहकर माहौल गरमा दिया है कि भजनलाल शर्मा क्या कहते हैं, इस पर किसी को ध्यान नहीं देना चाहिए. वह युवा हैं और पहली बार विधायक बने हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल जी और भजन लाल भी भजन गाने वाले लोग हैं. गहलोत उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें उनसे पूछा गया था कि आपातकाल पर मुख्यमंत्री की टिप्पणी के बारे में उनका क्या कहना है.
मुख्यमंत्री भजन लाल ने जयपुर में एक कार्यक्रम में आपातकाल को लोकतंत्र का सबसे काला दिन बताते हुए इसे संविधान हत्या दिवस के रूप में इतिहास में दर्ज किया. गहलोत ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा कि अब यह अध्याय बंद हो चुका है. उन्होंने यह भी कहा कि वह भी जेल गए थे, लेकिन अलग परिस्थितियों में. इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसी को उनकी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, वह पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं और पहली बार विधायक भी बने हैं, वह युवा हैं और उन्हें कई चीजें नहीं पता हैं.
भजनलाल को कई चीजें नहीं पता- गहलोत
"अंतर यह है कि आपातकाल के दौरान बहुत से लोग जेल गए, जहां तक आपातकाल का सवाल है, आपातकाल के बाद इंदिरा दोबारा प्रधानमंत्री बनीं और कांग्रेस ने माना कि कुछ गलतियां हुई हैं और खेद जताया, वह अध्याय बंद हो गया. इससे ज्यादा आपको क्या चाहिए. गहलोत जी ने कहा कि हम भी जेल गए हैं, भजनलाल जी को इस बारे में पता नहीं है. वे आपातकाल के दौरान जेल गए थे और हम तब जेल गए थे जब इंदिरा गांधी चिकमंगलूर से जीती थीं और उसके बावजूद उन्हें संसद से हटाकर जेल भेज दिया गया था, उस समय उनके समर्थन में लाखों लोग जेल गए थे, अकेले जोधपुर से 2000 लोग जेल गए होंगे, वह अलग समय था और अलग मिजाज था. भजनलाल जी नए हैं, वे पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं, वे पहली बार विधायक बने हैं, वे युवा हैं इसलिए उन्हें कई चीजें पता नहीं हैं, इसलिए वे ऐसी बातें कहते हैं जिसका हमें बुरा नहीं मानना चाहिए. वे भजनलाल हैं और भजनलाल भी भजन गाने वाले लोग हैं, वे अज्ञानी हैं कई चीज़ों के बारे में".
प्रेमचंद बैरवा का गहलोत पर पलटवार
इस ताजा तंज पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा ने कहा, "भाजपा मूल्यों, नीतियों और दूरदृष्टि वाली पार्टी है. मुख्यमंत्री भजनलाल प्रधानमंत्री के विजन को आगे बढ़ा रहे हैं, उन्होंने डेढ़ साल में जो काम किया है और उस काम की लोगों द्वारा सराहना की जा रही है, यही कारण है कि पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत के साथ सब ठीक नहीं चल रहा है. दरअसल, कांग्रेस में पांच साल तक कुर्सी का खेल चलता रहा. वे हमारे लिए ऐसा क्यों सोच रहे हैं. हमारी पार्टी एक है और मुख्यमंत्री बहुत अच्छा काम कर रहे हैं. हमें इस तरह की राजनीति के बजाय लोगों के मुद्दों पर बात करनी चाहिए."
गहलोत का क्या है इरादा
गहलोत की हालिया टिप्पणियों ने राज्य में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है, जो अपने पत्ते गुप्त रखने के लिए जाने जाते हैं. गहलोत द्वारा मुख्यमंत्री पर सीधे हमला करने से कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों को आश्चर्य हुआ है, खासकर तब जब राजस्थान में चुनाव होने में अभी 3 साल से अधिक का समय है. लेकिन एनडीटीवी से बात करने वाले कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि यह गहलोत की अपनी पार्टी में मौजूदगी के बारे में अधिक हो सकता है, न कि भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने के बारे में. जोधपुर में अपने गृह निवास पर वापस लौटना, जहां समर्थकों की भीड़ ने उनका स्वागत किया और हाल ही में गहलोत द्वारा राजनीतिक मेल-मिलाप का प्रदर्शन, जहां उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट के पिता की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में भाग लिया. ये सभी कांग्रेस में उनकी अपनी मौजूदगी के उद्देश्य से प्रोफ़ाइल निर्माण अभ्यास का हिस्सा हो सकते हैं.
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