Rajasthan Phone Tapping Case: अशोक गहलोत सरकार के दौरान राजस्थान के सबसे चर्चित फोन टैपिंग मामले में अब नया मोड़ आ गया है. अब अशोक गहलोत की मुश्किलें लोकश शर्मा ने बढ़ा दी है. पूर्व सीएम अशोक गहलोत के OSD रह चुके लोकेश शर्मा अब फोन टैपिंग मामले में सरकारी गवाह बन चुके हैं. इसके लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मंजूरी दिया है. बताया जाता है कि इसे लेकर कोर्ट में याचिका दायर की थी और क्षमा की अपील की थी. अब इसी याचिका को कोर्ट ने मंजूर कर लिया है.
अशोक गहलोत के OSD रहे लोकेश शर्मा से दिल्ली में लगातार दिल्ली क्राइम ब्रांच पूछताछ कर रही थी. वहीं क्राइम ब्रांच को लोकश शर्मा फोन टैपिंग मामले में कई सबूत भी सौंपे थे. इसके बाद लगातार पूछताछ के बाद गिरफ्तारी भी हुई थी. लेकिन उन्होंने पहले ही जमानत ले रखी थी. इसके बाद लोकेश शर्मा ने सरकारी गवाह बनने को लेकर कोर्ट में अपील की थी.
लोकेश शर्मा ने बढ़ाई अशोक गहलोत की टेंशन
लोकेश शर्मा इस मामले में पहले ही अशोक गहलोत के खिलाफ आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने मीडिया में भी जवाब दिया था कि उन्हें फंसाया गया है, जबकि पूरे मामले में अशोक गहलोत के आदेश के मुताबिक काम हो रहा था. वहीं इस मामले में अब वह सरकारी गवाह बन चुके हैं, तो अब अशोक गहलोत की टेंशन बढ़ चुकी है. इससे पहले क्राइम ब्रांच के मामले में राजस्थान सरकार की ओर से जो कोर्ट में याचिका दायर की थी, उसे भी वापस ले लिया गया है. जिससे क्राइम ब्रांच अब राजस्थान में जांच के लिए आ सकती है.
वहीं, लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच की पूछताछ में जो साक्ष्य उपलब्ध कराए हैं, उनकी जांच कराई जा रही है. माना जा रहा है कि लोकेश शर्मा के बयानों की तस्दीक और साक्ष्यों की पड़ताल के लिए क्राइम ब्रांच की टीम जयपुर आ सकती है.
सत्ता परिवर्तन के बाद बदला था बयान
लोकेश शर्मा ने इस पूरे प्रकरण में शुरुआत में ऑडियो सोशल मीडिया से मिलने की जानकारी क्राइम ब्रांच को दी थी. लेकिन राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद लोकेश शर्मा ने अपने बयान बदल लिए. लोकेश शर्मा ने क्राइम ब्रांच को दिए बयानों में कहा ये ऑडियो उन्हें उस वक्त के CM अशोक गहलोत ने उपलब्ध करवाए थे. उन्होंने केवल ओएसडी के रूप में निर्देशों की पालना की थी. लोकेश शर्मा ने जो ऑडियो, पेन ड्राइव और लैपटॉप क्राइम ब्रांच को सौंपे हैं, उनके साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ या एडिटिंग नहीं हुई है. इसकी पड़ताल करने के लिए एफएसएल जांच करवाई जा रही है. जांच के बाद ही पूरे प्रकरण में आगे की दिशा तय हो पाएगी.
बता दें, मार्च 2021 में, दिल्ली पुलिस ने शेखावत की शिकायत पर आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और टेलीफोन पर बातचीत को गैरकानूनी रूप से टैप करने के आरोप में शर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
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