
19 जून को आषाढ़ माह का आठवां दिन है. यह गुरुवार को पड़ रहा है. इस दिन सूर्य देव मिथुन राशि में रहेंगे. पंचांगानुसार, 19 जून को इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11:55 से दोपहर के 12:50 तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर के 02:07 से 03:52 तक रहेगा. अग्नि पुराण के अनुसार, देवगुरु बृहस्पति ने काशी में शिवलिंग की स्थापना और तपस्या का उल्लेख किया है, जिससे गुरुवार के दिन भगवान बृहस्पति की पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है.
16 गुरुवार तक व्रत रखना चाहिए
अग्नि पुराण और स्कंद पुराण के अनुसार गुरुवार के दिन व्रत रखने से धन, समृद्धि, संतान और सुख-शांति की प्राप्ति होती है. इस व्रत को किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से शुरू कर सकते हैं. व्रत 16 गुरुवार तक करना चाहिए. व्रत रखने के लिए इस दिन पीले वस्त्र धारण करने, पीले फल और पीले फूलों का दान करने से भी लाभ होता है.
इसके अलावा इस दिन विद्या की पूजा करने से भी ज्ञान में वृद्धि होती है. गुरुवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को अन्न और धन का दान करने से भी पुण्य प्राप्त होता है.
केले के पत्ते की करें पूजा
मान्यता है कि केले के पत्ते में भगवान विष्णु का वास होता है. इसलिए गुरुवार के दिन केले के पत्ते की पूजा की जाती है. इस दिन व्रत करने के लिए आप सुबह उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र धारण करके भगवान विष्णु का ध्यान करके व्रत का संकल्प लें. फिर केले के वृक्ष की जड़ में चने की दाल, गुड़ और मुनक्का चढ़ाकर भगवान विष्णु की पूजा करें. दीपक जलाएं और कथा सुनें. दिन में एक समय भोजन करें, जिसमें पीले रंग के खाद्य पदार्थों का सेवन करें.
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