
Religious Conversion in Bharatpur: 11 फरवरी को भरतपुर शहर के एक निजी होटल में धर्मांतरण से जुड़े मामले को लेकर प्रतिदिन नए-नए खुलासे देखने को मिल रहे हैं. गरीब तबके के लोगो को बीमारी के बहाने सभाओं में बुलाकर बीमारी को ठीक करने और चमत्कारों के जरिए लोगों को ईसा मसीह के प्रति आस्था पैदा करने के प्रयासों के बाद धर्मांतरण करने का प्रयास किया जाता था. सभा में शामिल होने वाले लोगों को किशमिश की पानी का घोल पिलाते थे, जिसमें स्टेरॉयड मिले होने का अंदेशा है. भरतपुर में धर्मांतरण मामले में पकड़े गए दो आरोपियों के बैंक खाते में चंडीगढ़ से हर सप्ताह 25 से 30 हजार रुपये के आस-पास आने की बात सामने आई है.
आरोपियों को इनको एक माह में चार सभा करने का टारगेट दिया जाता था. सभा में शामिल होने वाले लोगों को आने जाने का खर्चा देते थे. इस बात का खुलासा पुलिस को मिले रजिस्टरों से हुई है. 14 फरवरी को जिले के एक गांव में विश्व हिंदू परिषद और भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक व्यक्ति के घर से ईसाई धर्म से जुड़े सर्टिफिकेट बरामद किए थे.
धर्मांतरण का सरगना प्रोफेट बिजेंदर पर कई केस
इस मामले का मुख्य सरगना प्रोफेट बिजेंदर सिंह है. जो चंडीगढ़ में बैठकर ऑनलाइन सभा आयोजित करता था. हालांकि प्रोफेट बिजेंदर सिंह पर कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है. भरतपुर पुलिस द्वारा इस मामले की तह तक जाने के लिए SIT का गठन कर दिया है. जो पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है.
दो लोग पहले ही गिरफ्तार
11 फरवरी को भरतपुर शहर के एक निजी होटल में बीमारी ठीक करने के बहाने सभा का आयोजन किया गया. जिसमें दावा किया जा रहा है कि हिंदू धर्म से जुड़े देवी देवताओं पर अभद्र टिप्पणी कर ईसाई धर्म के प्रति आस्था पैदा की जा रही थी. इसकी जानकारी जैसे ही विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को मिली.
इन कार्यकर्ताओं ने मौके पर जाकर इसका विरोध किया और मौके पर पहुंची अटलबंद थाना पुलिस ने एक दर्जन से अधिक आरोपियों को हिरासत में लिया. उसके बाद अन्य लोगों को पाबंद करने के साथ दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. जिम भरतपुर निवासी कुंवर सिंह और उत्तर प्रदेश के फिरोजपुर निवासी शैलेंद्र सिंह थे.
किशमिश का पानी पिलाकर इलाज करने दावा
मिली जानकारी के अनुसार एक सभा का आयोजन करने के लिए पकड़े गए भरतपुर निवासी कुंवर सिंह के खाते में हर सप्ताह 25 से 30 हजार रूपए आते थे. इसके खाते में करीब 80 लाख रुपए मिले हैं. इसे प्रति महीने में चार सभा करवाने का टारगेट दिया जाता था.
यह लोगों को बीमारी के बहाने सभाओं में बुलाते थे. बीमारी ठीक करने के नाम पर किशमिश का घोल दिया जाता था जिसमें स्टेरॉयड मिला होने का अंदेशा है. इन सभाओं में लोगों को गुमराह का धर्म परिवर्तन करने के लिए कहा जाता था. पकड़ा गया भरतपुर निवासी कुंवर सिंह इंटरनेट के माध्यम से प्रॉफिट विजेंदर सिंह से जुड़ा था और चंडीगढ़ जाकर सभा में शामिल हुआ. उसके बाद भरतपुर में सभाओं का आयोजन करने लगा.
कई लोगों मिला डाटा
भरतपुर पुलिस को मिली वीडियो और अन्य सामग्री के आधार पर नए-नए खुलासे देखने को मिल रहे हैं. पुलिस को मिले रजिस्टर में 8 महीने में 13 सभा होने का जिक्र है और 1700 के आस पास लोगों का डेटा मिला है. सभा में आने वाले लोगों की जानकारी के बारे में लिखा हुआ है. पीपला गांव में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने एक व्यक्ति के घर पहुंच कर के ईसाई धर्म से जुड़े सर्टिफिकेट और राजिस्त बरामद किए थे. राजस्थान में आने-जाने के खर्चे के साथ-साथ राशन का भी जिक्र था.
कौन है प्रोफेट बजिंदर सिंह ?
मिली जानकारी के अनुसार मुख्य सरगना प्रोफेट विजेंदर सिंह है. इसे पैगंबर बजिंदर सिंह के नाम से भी जाना जाता है, इसका जन्म 10 सितंबर 1982 को हरियाणा के यमुनानगर में एक हिंदू जाट किसान परिवार में हुआ था. जब यह 20 साल का था, तब एक हत्या के मामले में जेल गया हुआ था.
जब वह जेल में था तब वह पुजारी के संपर्क में आया. वह पुजारियों और ईसाई धर्म से बहुत प्रभावित थे। उसके बाद, उन्होंने अपने धर्म को हिंदू धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का फैसला किया. 2008 में उसने खुद को हिंदू धर्म से ईसाई धर्म में परिवर्तित कर लिया. 2012 में उसने रविवार की प्रार्थना सभा "ले हैंड" प्रेयर आयोजित करना शुरू किया.
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