विज्ञापन
Story ProgressBack

भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर 2019 में रिकॉर्ड 6 लाख वोटों से जीती थी भाजपा, क्या इस बार लगा पाएगी जीत की हैट्रिक ?

Bhilwara Lok Sabha Election 2024: भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के चुनाव परिणाम पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. प्रदेश में 2019 के चुनाव में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड 6 लाख 12000 वोट से भाजपा की जीत के बाद यह सबसे हॉट सीट बन गई.

भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर 2019 में रिकॉर्ड 6 लाख वोटों से जीती थी भाजपा, क्या इस बार लगा पाएगी जीत की हैट्रिक ?

Bhilwara Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम की घड़ी नजदीक आ चुकी है. कुछ घंटो के बाद . 4 जून को देश भर में 7 चरणों में हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आएंगे, जिससे जीत और हार के समीकरण की पूरी तस्वीर साफ हो जाएगी.  मतगणना से पहले सभी राजनीतिक दल अपनी -अपनी जीत का दावा कर रहे है. वहीं, पूरे प्रदेश की निगाहें भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के चुनाव परिणाम पर है. प्रदेश में 2019 के चुनाव में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड 6 लाख 12000 वोट से भाजपा की जीत के बाद यह सबसे हॉट सीट बन गई.

2024 विधानसभा का आकंड़ा

संघ की प्रयोगशाला वाले इस क्षेत्र में शुमार छोटा नागपुर यानी भीलवाड़ा जिले में सात विधानसभा है. 2024 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यहां अपना खाता भी नहीं खोल पाई थी. भीलवाड़ा जिले की 7 सीटों में से 6 सीटों पर भाजपा का परचम है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय विधायक ने जीत दर्ज की. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत भीलवाड़ा जिले की 7 विधानसभा-आसींद, भीलवाड़ा, मांडलगढ़, शाहपुरा, जहाजपुर, सहाड़ा, मांडल और बूंदी जिले की एक विधानसभा हिंडोली आती है. इसपर हिंडोली पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री अशोक चांदना जीत कर आए हैं.

सुभाष बहेड़िया ने दोनों बार अच्छे मतों से की थी जीत हासिल

भीलवाड़ा में भाजपा ने पिछली दो बार से सांसद सुभाष बहेड़िया को टिकट दिया. दोनों बार बहेड़िया ने अच्छे मतों से जीत हासिल की. इस बार पार्टी संगठन ने भाजपा प्रत्याशी प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल पर दांव खेला. वहीं कांग्रेस ने विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को चुनावी मैदान में उतारा है. गौरतलब है कि कांग्रेस  ने लोकभा चुनाव को लेकर भीलवाड़ा सीट पर आखिरी वक्त पर टिकट बदला था. जिसको लेकर भी पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना था. कांग्रेस ने यहां से पहले सवाई माधोपुर के रहने वाले और पुलिस अफसर रहे दामोदर गुर्जर को प्रत्याशी बनाया था।

डॉ. सीपी जोशी VS दामोदर अग्रवाल

भीलवाड़ा से पूर्व में भी सांसद बनकर केंद्रीय मंत्री बने डॉ. सीपी जोशी ने रोजगार सर्जन और उनके समय बनी चंबल पेयजल योजना पर जनता से वोट मांगे है. वहीं भाजपा का पूरा चुनाव राष्ट्रवाद के मुद्दे के इर्द-गिर्द रहा. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र का चुनाव परिणाम इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है कि रिकॉर्ड मत से जीतने वाली भाजपा ने अपने निवर्तमान सांसद का टिकट काटकर दामोदर अग्रवाल को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतारा है.

दामोदर अग्रवाल इंडस्ट्रियलिस्ट होने के साथ-साथ भाजपा के प्रदेश महामंत्री भी है. उनका मुकाबला पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता डा. सी पी जोशी के साथ है. इसी के साथ भीलवाड़ा में भाजपा प्रदेश संगठन के साथ दोनों ही बड़े नेताओं की साख भी दाव पर लगी है. चुनाव प्रचार के दौरान दोनों ही प्रत्याशी तीखी बयानबाजी करने से बचते रहे. जिसके बाद अब  4 जून को चुनाव परिणाम के दिन  दोनों की हार जीत का फैसला होगा. साथ ही यह भीलवाड़ा लोकसभा की सीट पर नेताओं के दावे कितने धरातल पर सही साबित होंगे.

ग्रामीण क्षेत्रों में गिरा मतदान

19 अप्रैल को भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र पर कुल 60.37% मतदान हुआ. इसमें शहरी मतदाता वोट देने में सबसे आगे रहे. ग्रामीण इलाकों से ज्यादा शहरी क्षेत्र में मतदान हुआ है. शहरी क्षेत्र में जहां 63.30% तो ग्रामीण क्षेत्र में 59.66% मतदान हुआ. लोकसभा क्षेत्र में सबसे अधिक मतदान आसींद के गोविंदपुरा बूथ पर 84.75% तो सबसे कम मतदान हिंडोली का रहा. वहीं कोरमा में 36.77 प्रतिशत मतदान हुआ. इसी के साथ भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र  महिलाओं से ज्यादा मतदान पुरुषों ने किया, जिसमें 60.83% पुरुषों पर  59.90% महिलाओं ने वोट डालें.

युवा वोटर्स करेंगे दिशा तय 

इस बार के लोकसभा चुनाव में युवा वोटर का काफी अहम रोल रहा है.  35823 युवा वोटर्स ने पहली बार वोट किया. इसी के साथ ही 85 साल से अधिक 15773 बुजुर्गों की भागीदारी देखने को मिली. गौरतलब है कि भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में 58157 मतदाता ऐसे थे, जिन्होंने पहली बार वोट डाला था, जिनमें 61.59% यानी 35823 युवाओं ने वोट डालें. इनमें सबसे अधिक आसींद के 5294 युवाओं की भागीदारी रहीं. सबसे कम सहाड़ा के 3405 युवाओं ने वोट डाले. वहीं 85 साल से अधिक उम्र बाले 15773 बुजुर्गों ने वोट डाले.

आठों विधानसभा के शहरी क्षेत्र में ज्यादा वोट पड़े

अगर बात करें मतदान के  ट्रेंड की तो यह दिखता है कि शहरी वोटिंग अधिक होने से भाजपा को लाभ होने की संभावना ज्यादा है. क्योंकि शहर का वोटर भाजपा का ज्यादा भरोसेमंद मानता है, वहीं ग्रामीण वोटर कांग्रेस का माना जाता है. वहीं आकंड़ों की माने तो ग्रामीण क्षेत्रों में वोटिंग कम होने से कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है.  क्योंकि आठों विधानसभा के शहरी क्षेत्र में 63.30% तो ग्रामीण क्षेत्र में 59.66% वोट पड़े हैं. आसींद कस्बे में 62.65%, सहाड़ा में 65.86%, भीलवाड़ा में 63.51%, शाहपुरा में 64,15%, जहाजपुर में 64.88%, मांडलगढ़ में 64.86%, हिंडोली में 59.47% मतदान हुआ है. आसींद ग्रामीण क्षेत्र में 60.02%, मांडल ग्रामीण क्षेत्र 61.588%, सहाड़ा ग्रामीण क्षेत्र में 54.99%, शाहपुरा ग्रामीण क्षेत्र 61.55%, जहाजपुर ग्रामीण क्षेत्र 59.69%, मांडलगढ़ ग्रामीण क्षेत्र में 60.85%, हिंडोली ग्रमीण क्षेत्र में 58.41% प्रतिशत हुआ.

8 लाख 57 हजार ने नहीं दिया वोट

इस बार राजस्थान लोकसभा चुनाव में 60.10 फीसदी मतदान हुआ. जो पिछले लोकसभा चुनाव से 5.41 फीसदी कम है.  2019 में 65.51 प्रतिशत रिकॉर्ड मतदान हुला था। लोकसभा में 21 लाख 49 हजार 357 मतदाता है, इनमें से 8 लाख 57 हजार 594 वोट डालने के लिए घर से ही नहीं निकले. आठों विधानसभा में वोटिंग प्रतिशत गिरा है. सबसे अधिक वोटिंग शहर में 63.52% और सबसे कम सहाड़ा में 55.08% हुई है. पिछले चुनाव के मुकाबले इस चुनाव में सबसे ज्यादा गिरावट मांडलगढ़ विधानसभा क्षेत्र में 7.75% हुई है. मतदान में सबसे कम गिरावट जहाजपुर क्षेत्र में 2.64% देखने को मिली. 

पिछली बार 6.12 वोटों से जीत का रिकॉर्ड था, इस बार मार्जिन घटेगा

लोकसभा में वोटिंग का ट्रेंड बताता है कि जब भी वोटिंग प्रतिशत में वृद्धि होती है तो भाजपा को फायदा होता है. 1971 में रिकॉर्ड 54.1 प्रतिशत मतदान होने पर जनसंघ सत्ता में आईं. 1977 में फिर 57.2 मतदान प्रतिशत रहा. इसी के साथ 1991 में 51.1%  रहा. जिससे जनता पार्टी की सत्ता बनीं. वहीं 1980 में मतदान प्रतिशत में कमी देखने को मिली. इस साल 50.6 प्रतिशत मतदान होने पर कांग्रेस की सरकार बनी. 1989 में मतदान प्रतिशत बढ़कर 54.7 प्रतिशत हुआ तो जनता दल की सरकार बनी. 1991 में मतदान प्रतिशत गिरकर 51.1 प्रतिशत हुआ और सरकार कांग्रेस की बनी. 1999 में 53.5 प्रतिशत मतदान के बावजूद सरकार भाजपा की बनी. 2004 और 2009 में वोटिंग प्रतिशत गिरकर 50 प्रतिशत के पास आ गया तो कांग्रेस की सरकार बनी. इसके बाद लगातार वोटिंग प्रतिशत बढ़ता गया और भाजपा की सरकार बनती गई. अभी तक के चुनावी इतिहास में सबसे अधिक वोटिंग का रिकॉर्ड 2019 में 67.58 प्रतिशत रहा है.

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
NEET-UG Result 2024: रिवाइज्ड रिजल्ट में राजस्थान का दबदबा, 17-परफेक्ट स्कोरर्स में राजस्थान के चार
भीलवाड़ा लोकसभा सीट पर 2019 में रिकॉर्ड 6 लाख वोटों से जीती थी भाजपा, क्या इस बार लगा पाएगी जीत की हैट्रिक ?
Village social media influencer Deepa died due to snake bite, the family members did this carelessly before treating her!
Next Article
गांव की सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर दीपा की सांप काटने से मौत, परिजनों ने इलाज से पहले की यह लापरवाही!
Close
;