महाराजा सूरजम बृज यूनिवर्सिटी के कुलपति और के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं. भरतपुर शहर के कुम्हेर गेट चौराहे, लक्ष्मण मंदिर चौराहे एवं एमएसजे कॉलेज के मुख्य द्वार पर बैनर पोस्टर लगाए गए हैं. डीग जिले के कुम्हेर क्षेत्र में स्थित बृज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर त्रिभुवन शर्मा और भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर रमेश चंद्र के खिलाफ स्लोगन लिखे हैं. भ्रष्ट लोग गद्दी छोड़ स्लोगन लिखे हैं. इन बैनरों को किसने लगाया, इसकी जानकारी नहीं हो पाई है.
भ्रष्टाचार के आरोप में वीसी निलंबित
राज्यपाल ने बृज यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति रमेश चंद्रा को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया था. कुलपति के साथ यूनिवर्सिटी के अन्य अधिकारियों को भी निलंबित किया गया है. साथ ही यूनिवर्सिटी में प्रवेश पर भी रोक लगा दिया गया है. इसके बाद भी भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित अन्य अधिकारियों को कुलपति ने यूनिवर्सिटी से बाहर नहीं किया है. इसकी वजह से छात्रों में नाराजगी है.
भ्रष्टाचार के वीसी पर लगे आरोप
- विश्वविद्यालय से 25 लाख रुपए नकदी गायब कर दी गई. इस प्रकरण में भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.
- चार वॉच टॉवर लगाने का काम 2.5 लाख में होना था, लेकिन भुगतान 9.5 लाख किया गया.
- 9 करोड़ रुपए का फर्नीचर घोटाला: महंगे पर्दे, कुर्सियां, डाइनिंग टेबल जैसा सामान क्रय किया गया. करोड़ों रुपए के फर्नीचर का न तो रिकॉर्ड है, न ही सामग्री दिखाई देती है.
- 12 करोड़ की केमिस्ट्री लैब घोटाला : जो सामान बताया गया था, वह दिखाई ही नहीं दिया. घटिया स्तर की क्वालिटी का सामान खरीदा गया.
- 11.5 करोड़ की पुस्तक खरीद अनियमितता: ऐसी किताबें खरीदी गईं, जिनका छात्रों से कोई लेना-देना नहीं था.
- उत्तर पुस्तिका घोटाला: 1.5 करोड़, घटिया क्वालिटी की कॉपियों पर बड़ी रकम का भुगतान.
- संविदा भर्ती घोटाला: 14 शिक्षकों को योग्यता के विपरीत नियुक्ति दी गई. नियमों को ताक पर रखकर 65 वर्ष से अधिक आयु के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दोबारा नौकरी दी गई.
- पीएचडी प्रवेश घोटाला : 50 से अधिक छात्रों को बिना गाइड उपलब्ध कराए प्रवेश दे दिया गया. फीस भी ली गई, पर कोर्स पूरा नहीं हो पाया.
इस लिए नाराज हैं छात्र
भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद पूर्व कुलपति रमेश चंद्र को बर्खास्त कर दिया, लेकिन उप कुलसचिव डॉ. अरुण कुमार पाण्डेय, सहायक कुलसचिव प्रशांत कुमार और परीक्षा नियंत्रक फरवट सिंह के खिलाफ राज्यपाल ने कार्रवाई के आदेश दिए हैं, लेकिन वर्तमान कुलपति ने कार्रवाई नहीं की, इसलिए छात्र नाराज हैं.
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