Rajasthan News: कांग्रेस नेता राहुल गांधी का पासपोर्ट (Rahul Gandhi Passport) रद्द कराने के लिए चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी (CP Joshi) ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) को पत्र लिखा है. इस लेटर पर अब राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने इस लेटर को 'हास्यास्पद और शरारतपूर्ण' करार दिया है.
'तोड़-मरोड़ कर पेश किया बयान'
बुधवार दोपहर अशोक गहलोत ने 'एक्स' पर लिखा, 'चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी का नेता विपक्ष राहुल गांधी के बारे में लोकसभा स्पीकर को लिखा गया पत्र ना सिर्फ हास्यास्पद है, बल्कि शरारतपूर्ण है. राहुल गांधी ने अमेरिका में सिख समाज एवं दलित वर्ग के बारे में जो कहा उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. राहुल गांधी ने जो कहा उसे देशवासियों ने सुना है और उसमें कुछ भी ऐसा नहीं था, जैसा भाजपा पेश करने की कोशिश कर रही है.'
चित्तौड़गढ़ सांसद श्री सीपी जोशी का नेता विपक्ष श्री राहुल गांधी के बारे में लोकसभा स्पीकर को लिखा गया पत्र ना सिर्फ हास्यास्पद है बल्कि शरारतपूर्ण है। श्री राहुल गांधी ने अमेरिका में सिख समाज एवं दलित वर्ग के बारे में जो कहा उसे तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 25, 2024
श्री राहुल गांधी ने…
'बदनाम करने की असफल कोशिश'
गहलोत के अनुसार, 'भाजपा केवल राहुल गांधी को बदनाम करने का असफल प्रयास कर रही है. राहुल गांधी भारत देश के युवा, किसान, मजदूर, दलित, अल्पसंख्यक समेत हर वर्ग की आवाज हैं और उनकी भावनाओं को दुनिया के सामने रखना उनका कर्तव्य है.'
पासपोर्ट रद्द करने के 3 बड़े कारणराहुल गांधी का पासपोर्ट रद्द करने के लिए सीपी जोशी ने ओम बिरला को तीन कारण बताए हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का नेता विपक्ष पद पर रहना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है. उनकी गतिविधियों को देखकर स्पष्ट होता है कि वे देश विरोधी ताकतों के हाथों खेल रहे हैं. वह एक जिम्मेदार पद पर हैं. ऐसे में उनके बयानों को दुनिया के इतिहास के परिपेक्ष में देखा जाना चाहिए.
- विदेश की धरती पर राहुल गांधी के दिए बयान किसी भी तरह से एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक के तौर पर सही नहीं हैं.
- राहुल गांधी के बयान राजनीतिक नहीं बल्कि विशुद्ध तौर पर देश विरोधी गतिविधियों के दायरे में आते हैं जो उनके आचरण को संदिग्ध बनाता है.
- राहुल के बयानों से देश की आंतरिक स्थिरता और सीमाओं की सुरक्षा के अलावा अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी असर पड़ सकता है, क्योंकि वे नेता विपक्ष पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.