विधायक निधि कोष से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में विधायकों की परेशानी बढ़ती जा रही है. विधायक चौतरफा घिरते हुए नजर आ रहे हैं. मामला सामने आने के बाद से ही सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक विधायक जनता की नाराजगी झेल रहे हैं. इसके अलावा एक ओर कथित भ्रष्टाचार के मामले में विधानसभा की सदाचार समिति और सरकार द्वारा नियुक्त मुख्य सतर्कता आयुक्त के नेतृत्व में उच्च स्तरीय कमेटी जांच कर रही है. दूसरी ओर पार्टी से जुड़े विधायकों पर पार्टी भी एक्शन लेने का प्लान कर रही है.
बीजेपी ने जारी किया था नोटिस
भारतीय जनता पार्टी के खींवसर विधायक रेवंतराम डांगा को पार्टी ने मामले में नोटिस दिया था. इसके बाद उन्होंने नोटिस का जवाब भेजा है. हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ इस जवाब से संतुष्ट नहीं है.
डांगा के जवाब से संतुष्ट नहीं बीजेपी
शनिवार को मदन राठौड़ ने बताया, "विधायक ने नोटिस का जवाब भेजा है. लेकिन, मैं उससे संतुष्ट नहीं हूं. ऐसे में इस मामले में अब विस्तृत जांच होगी. हमने जवाब सहित यह पूरा मामला अनुशासन समिति को भेज दिया है. समिति इस पर तथ्यात्मक जांच करेगी. इसके बाद अनुशासन समिति की रिपोर्ट के आधार पर कोई फैसला लिया जाएगा."
कांग्रेस भी अपने विधायक से संतुष्ट नहीं है
इससे पहले कांग्रेस की विधायक अनीता जाटव भी ईमेल और व्हाट्सएप के जरिए प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को जवाब भेज चुकी है. हालांकि, कांग्रेस भी विधायक के जवाब से संतुष्ट नहीं है. फिलहाल इस मामले में डोटासरा एक जांच रिपोर्ट बना रहे हैं. इस रिपोर्ट को पार्टी आलाकमान को भेजा जाएगा. इसके बाद पार्टी इस पर फैसला लेगी. सूत्रों के मुताबिक, मामले में कांग्रेस अनीता जाटव को पार्टी से निलंबित कर सकती है.
यह भी पढ़ें: 10 निजी डेंटल कॉलेजों पर 10-10 करोड़ का जुर्माना, राजस्थान हाईकोर्ट का बड़ा फैसला