Rajasthan News: राजस्थान में एक बड़ा मामला सामने आया है जहां सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने बिना इस्तेमाल किए सिम का भारी बिल भेजकर उपभोक्ता को परेशान किया. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने साल 2016 में एक राजनीतिक विदेश यात्रा के समय यह सिम लिया था. उन्होंने दावा किया कि सिम को कभी सक्रिय नहीं किया गया और इसका कोई उपयोग भी नहीं हुआ. फिर भी कंपनी ने उन्हें 1 लाख 10 हजार रुपये का बिल थमा दिया.
BSNL पर 50 हजार रुपये का जुर्माना
इस अन्याय के खिलाफ राठौड़ ने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में शिकायत की. आयोग ने मामले की गहन जांच की और बीएसएनएल को दोषी पाया. पीठासीन अधिकारी अजय कुमार बंसल और सदस्य शिवराम माहिया ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह उपभोक्ता के साथ साफ छलावा है.
आयोग ने बीएसएनएल को तुरंत बिल रद्द करने का आदेश दिया. साथ ही सिम लेते समय जमा किए गए 10 हजार रुपये वापस लौटाने को कहा. इतना ही नहीं महाप्रबंधक पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. यह फैसला उपभोक्ताओं के लिए एक मिसाल बनेगा जो कंपनियों की मनमानी से तंग आ चुके हैं.
बीएसएनएल की लापरवाही उजागर
मदन राठौड़ का कहना था कि विदेश यात्रा के दौरान सिम सिर्फ आपात स्थिति के लिए लिया गया था लेकिन इसे कभी चालू नहीं किया. कंपनी ने बिना किसी सबूत के बिल भेजा जो पूरी तरह गलत था. आयोग ने इसे उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन माना और बीएसएनएल पाली को जिम्मेदार ठहराया.
इस घटना से साफ होता है कि सरकारी कंपनियां भी कभी-कभी उपभोक्ताओं को ठगने से बाज नहीं आतीं. राठौड़ जैसे प्रमुख नेता के साथ ऐसा होना आम आदमी की परेशानियों को और ज्यादा उजागर करता है.
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