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बूंदी के गरड़दा बांध पर नहर बनाने की मंजूरी, 60 हजार बीघा जमीन पर होगी सिंचाई, 100 से अधिक गांवों को मिलेगा पीने का पानी

बूंदी को धान का कटोरा कहा जाता है. ऐसे में किसानों को इस परियोजना से बड़ा फायदा होगा. बांध के निर्माण से 44 गांवों की 60 हजार बीघा भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी.

बूंदी के गरड़दा बांध पर नहर बनाने की मंजूरी, 60 हजार बीघा जमीन पर होगी सिंचाई, 100 से अधिक गांवों को मिलेगा पीने का पानी
बूंदी के गरड़दा बांध पर नहर बनाने की मंजूरी

Rajasthan News: बूंदी जिले का सबसे बड़े गरड़दा बांध को लेकर किसानों का सपना अब साकार होने जा रहा है. दिल्ली में आयोजित केंद्रीय वन्य जीव बोर्ड की बैठक में गरड़दा मध्य सिंचाई परियोजना के नहर निर्माण से संबंधित वन विभाग की सभी आपत्तियां समाप्त कर दी गई हैं. ऐसे में अब परियोजना के कार्य समय पर पूरे किए जा सकेंगे. गरड़दा सिंचाई परियोजना के नहरी तंत्र का निर्माण लंबे समय से अटका हुआ था. क्षेत्र में वन विभाग की जमीन होने के कारण नहरी तंत्र को बनाने की मंजूरी नहीं मिल पाई थी, लेकिन अब केंद्र सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है. इस परियोजना के तहत बूंदी तहसील के 44 गांवों की 9161 हेक्टेयर कृषि भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी तो जिले के 111 गांवों और 98 ढाणियों को पीने का पानी मिलेगा. 

फिल्म पर टिकी बांध की नींव

इस बांध की खास बात है कि इसकी नींव फिल्म पर टिकी है. इसमें मिट्टी बिछाने के बाद कपड़े की फिल्म का उपयोग किया गया है, जोकि दुनिया में पहली बार एक नए तरह का प्रयोग है. जिसे जीओ टेक्सटाइल्स के नाम से जाना जाता है. यह पानी को छानने का काम करती है. बांध में पानी के दबाव के दौरान भी दीवारें सुरक्षित रहेंगी. सिंचाई परियोजना में 103.47 किमी लंबी नहर प्रणाली में से 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जबकि बाकी 30 प्रतिशत काम को 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.

परियोजना के जूनियर इंजीनियर नागेंद्र सिंह ने बताया कि इसकी लागत करीब 300 करोड़ के आसपास है. सरकारें बदलने और बजट रुकने की वजह से परियोजना को पूरा होने में 10 साल से अधिक समय लग गया. इसके साथ ही लागत भी तीन गुना हो गई. प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के तहत असिंचित भूमि का सर्वे शुरू कर दिया गया है. इसके बाद नहरों का नेटवर्क बनाया जाएगा.

बांध के निर्माण से 44 गांवों की 60 हजार बीघा भूमि को सिंचाई सुविधा मिलेगी. पीने का पानी आसानी से मिल सकेगा.

किसानों को होगा बड़ा फायदा

एनडीटीवी से बातचीत में किसान राजेंद्र सिंह ने बताया कि गरड़दा परियोजना किसानों के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना थी. वन विभाग की स्वीकृति नहीं मिलने से वर्षों तक किसानों को पानी के लिए इंतजार करना पड़ा, लेकिन अब केंद्र सरकार ने मंजूरी दी है तो निश्चित रूप से आने वाले समय पर किसानों को इसका लाभ मिलेगा.

नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष भगवान लाडला का कहना है कि गरड़दा बांध में समय पर नहरी पानी किसानों को नहीं मिलने के कारण किसानों को लाखों करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ. जिसका भुगतान सरकार को और संबंधित अधिकारी को किसानों को देना चाहिए. 

स्थानीय निवासी अमित निंबार्क व आनंद सनाढ्य देने बताया कि बांध के नहरी तंत्र से निकले पानी से किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा. उनकी फसलों को समय से पानी मिल सकेगा. बूंदी को धान का कटोरा कहा जाता है. ऐसे में किसानों को इस परियोजना से बड़ा फायदा होगा. 

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