
Cab Driver Strike End: राजस्थान में 8 दिनों से सभी कंपनियों के कैब चालक हड़ताल पर बैठे थे. 2 जून को शुरू हुई ओला, उबर कैब चालक अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए थे. वहीं कैब चालकों का प्रदर्शन धीरे-धीरे उग्र होते जा रहा था. इसके साथ ही लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. राजधानी जयपुर में आने वाले सैलानियों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही थी. हालांकि अब 8 दिनों से चली आ रही हड़ताल अब समाप्त हो गया है. यानी अब मंगलवार (2 जून) से कैब चालक अपने-अपने काम पर लौटेंगे.
बताया जा रहा है कि सरकार ने कैब चालकों को उनकी मांगों को लेकर आश्वासन दिया है. जिसके बाद कैब चालकों ने हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया है. हालांकि कैब चालकों ने 4 सूत्री मांगों को लेकर अल्टीमेटम दिया है कि अगर 18 जून तक सभी मांगे नहीं मानी गई तो वह दोबारा आंदोलन करेंगे.
जयपुर में चक्काजाम की दी थी चेतावनी
संघर्ष समिति ने मांग नहीं मानने पर सरकार को जल्द ही राजधानी जयपुर की सड़कों पर चक्काजाम करने की चेतावनी दी थी. उन्होंने साफ किया कि यह फैसला मजबूरी में लिया गया है. जनता को असुविधा हो रही है, लेकिन हम गाड़ियों की किस्तें नहीं चुका पा रहे, कमाई नहीं हो रही, ऐसे में आंदोलन तेज करना ही विकल्प बचा है.
कैब चालकों की मुख्य समस्याएं
- राइड न लेने पर कैब चालकों की रेटिंग घटा दी जाती है.
- कैब चालकों का कहना है कि 7-8 रुपये प्रति किमी मिलता है, जो काफी कम है.
- कस्टर की छोटी से शिकायत पर कैब चालकों की आईडी ब्लॉक कर दी जाती है.
- ऑनलाइन पेमेंट पर वॉलेट में अपडेट नहीं किया जाता है और राइड भी हटा दी जाती है.
राजस्थान पहला राज्य था, जिसने गिग वर्कर्स के लिए कानून बनाया था, लेकिन करीब दो साल बीतने के बाद भी कानून के नियम नहीं बने हैं. इसलिए इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. गिग वर्कर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आशीष सिंह ने कहा कि राजस्थान में सबसे पहले गीत वर्कर्स का कानून बना था, उससे शिकायत निवारण के लिए मंच था. सामाजिक सुरक्षा के लिए व्यवस्था की गई थी, वह कानून बेस्ट समाधान था, लेकिन सरकार उसे लागू नहीं कर रही. अगर उसे लागू किया जाए तो इनकी आदि समस्याएं दूर हो जाएगी.