राजस्थान का श्रीगंगानगर जिला उपजाऊ मिट्टी और पानी की उपलब्धता के कारण खेती के मामले में अच्छी पैदावार के लिए जाना जाता है. यहां के किसान अब परंपरागत खेती के साथ-साथ नवाचार भी करने लगे है. इस समय श्रीगंगानगर की गाजर मंडी में कारोबार की शुरुआत हो चुकी है. यहां की गाजर देशभर में मशहूर है. आम गाजर से अधिक लंबाई, गहरा सुर्ख लाल रंग और अधिक मिठास इस गाजर की पहचान है.
यही कारण है कि यहां की गाजर राजस्थान के अन्य जिलों के साथ- साथ पंजाब,हरियाणा, दिल्ली,हिमाचल,जम्मू, बिहार और पश्चिम बंगाल सहित 20 राज्यों तक पहुंच रही है.बंगाल बिहार में गंगानगरी गाजर की भारी डिमांड है. यही कारण है कि जिले मे पेदा होने वाली बेहतरीन क्वालिटी की 90 फीसदी गाजर इन्हीं दो राज्यों में खप जाती है.
गाजर का बिजनेस करीब 100 करोड़ रुपए तक
3 महीने के सीजन में गंगानगर की गाजर का बिजनेस करीब 100 करोड़ रुपए तक का होता है. गंगानगर मंडी में 20 हजार क्विंटल गाजर रोजाना आ रही है. यहां बलुई दोमट मिट्टी और गहरी जुताई के कारण गाजर की लंबाई अधिक रहती है. एक जैड के रहने वाले किसान श्यामलाल जांगू की माने तो वे 1988 से 15 बीघा जमीन पर गाजर की खेती कर रहे हैं. इस बार उम्मीद है कि गाजर की खेती अच्छा फायदा देकर जाएगी.
15 बीघा से 14 से 15 लाख का मुनाफा
इसके दो-तीन कारण हैं. एक जिले में बिजाई कम होना दूसरा पड़ोसी राज्य पंजाब में बाढ़ के कारण गाजर का उत्पादन नहीं होना. तीसरा पिछली बार जिले में गाजर का बंपर उत्पादन होने से किसानों को भाव नहीं मिले थे. एक बीघा से 90 से 100 किवंटल तक की गाजर निकल जाती है. इसी तरह 15 बीघा से 14 से 15 लाख का मुनाफा हो जाता है. गाजर की खेती में ज्यादा खर्चा भी नहीं है,सिर्फ बीज का खर्चा लगता है.
मशीनों से हर रोज हज़ारों क्विंटल गाजर की धुलाई
गंगनहर के किनारे गाजर धोने के लिए लगी ये मशीनों से हर रोज हज़ारों क्विंटल गाजर की धुलाई करती है. यही से फिर गाजर पेकिंग होकर अलग अलग बाजारो में जाती है. मलकाना खुर्द से गाजर मंडी में गाजर बेचने आए किसान बबल बराड़ ने कहा-की इस बार गाजर के भाव अच्छे मिल रहे हैं. मंडी में 20 रुपए प्रति किलो के हिसाब से गाजर बिक रही है. इनके पास पांच बीघा में गाजर की खेती है. भाव अच्छे मिलने से इस बार गाजर की फसल में काफी प्रॉफिट होगा.
मंडी में गाजर के ट्राली लेकर आए किसान सुशील ने बताया- उनके पास कालूवाला में 13 बीघा में गाजर की खेती है. मौसम अनुकूल रहने से इस बार गाजर का उत्पादन काफी अच्छा है. और भाव भी अच्छे मिल रहे हैं. यहां कि गाजर में पेस्टिसाइड्स व फर्टिलाइजर का उपयोग भी बहुत कम होता है. जिसकी वजह से गाजर में अधिक मिठास होती है.
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