Vice-Chancellor Professor Sunita Mishra: मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर की कुलगुरू प्रोफेसर सुनीता मिश्रा का इस्तीफा राज्यपाल द्वारा स्वीकार कर लिया गया है. प्रो. मिश्रा पिछले कुछ समय से विवादों में थीं और अंततः कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर उनका इस्तीफा मंजूर किया गया है. प्रो. मिश्रा उस समय सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने औरंगज़ेब के शासन को लेकर एक बयान दिया था.
इस बयान के बाद उदयपुर में विभिन्न विद्यार्थी संगठनों ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. विरोध इतना बढ़ा कि कई छात्र संगठनों ने विश्वविद्यालय प्रशासन को लिखित शिकायतें भी सौंपीं.
प्रो. मिश्रा पर कई अन्य शिकायतें भी दर्ज की गई थीं, जिन्हें गंभीरता से लेते हुए उदयपुर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई थी. समिति ने सभी आरोपों की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी. इस बीच, राज्य सरकार के तकनीकी सलाहकार बी.पी. सारस्वत ने भी प्रो. मिश्रा के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी. विवाद बढ़ने के बाद सुनीता मिश्रा ने कुलगुरू पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया था.
क्या था पूरा विवाद ?
उदयपुर की मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी की कुलगुरू प्रो. सुनीता मिश्रा के वीडियो से विवाद गहरा गया था . इस वीडियो में वह औरंगजेब को कुशल प्रशासक बताया था. इतिहास पर बात करते हुए उन्होंने कई बातें कहीं थीं. उन्होंने कहा कि जब हिस्टोरिकल प्रोस्पेक्टिव आ जाता है तो हम बहुत राजा-महाराजाओं के बारे में सुनते रहते हैं. महाराणा प्रताप है, पृथ्वीराज चौहान है, अकबर है. बहुत सारे अच्छे राजा को याद रखते हैं.
इसे गलत तरीके से पेश किया गया- प्रो. मिश्रा
प्रो. सुनीता मिश्रा ने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा था कि इस बयान की 23 सेकंड की क्लिप को दुर्भावनापूर्ण तरीके से वायरल किया गया. वहां अलग-अलग विषयों को लेकर शासकों के बारे में जानकारी बताई गई थी. लेकिन इसे गलत तरीके से पेश किया गया.