कोटा के बहुप्रतीक्षित चंबल रिवर फ्रंट का उद्घाटन आज सुबह 9:30 बजे होगा. उद्घाटन समारोह को लेकर सारी तैयारियां पहले ही पूरी कर कर ली गई हैं. पहले उद्घाटन समारोह में सीएम अशोक गहलोत भी शामिल होने वाले थे, लेकिन किन्हीं कारणों से उनका आज का कोटा दौरा टल गया है. सीएम गहलोत 13 सितंबर को कोटा पहुंचेंगे. इस बाबत खुद सीएम गहलोत ने देर रात ट्वीट कर जानकारी दी.
देर रात किए एक ट्वीट में सीएम ने कहा, मुझे रिवर फ्रंट के उद्धघाटन का बेसब्री से था इंतजार था, लेकिन कुछ अपरिहार्य कारणों से आज वो चंबल रिवर फ्रंट के उद्घाटन समारोह में नहीं पहुंच सकेंगे. हालांकि सीएम गहलोत का 13 सितंबर का कार्यक्रम यथावत रहेगा.
हमारे वरिष्ठ साथी UDH मंत्री श्री शांति धारीवाल ने कोटा रिवर फ्रंट के रूप में हाड़ौती को एक ऐतिहासिक सौगात दी है। हाड़ौती क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में पिछड़ा रहा है परन्तु यह रिवर फ्रंट यहां पर्यटन बढ़ाने के लिए मील का पत्थर साबित होगा एवं कोटा के विकास की नई इबारत लिखेगा। पिछले…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) September 11, 2023
भारत में विकसित पहला हैरिटेज रिवर फ्रन्ट
चंबल रिवर फ्रन्ट भारत में विकसित पहला हैरिटेज रिवर फ्रंट है, इससे कोटा में देशी-विदेशी पर्यटकों का आवागमन बढेगा. कोटा शहर में कोटा बैराज से नयापुरा पुलिया तक 2.75 किमी की लम्बाई में चम्बल नदी के दोनों तटों पर 1400 करोड़ की लागत से चम्बल रिवर फ्रन्ट विकसित किया गया है. इसके बनने से चम्बल नदी के किनारे बसी सभी बस्तियां बाढ़ से मुक्त हो चुकी है. रिवर फ्रन्ट के दोनों तटों पर 27 घाटों का निर्माण किया गया है. राजस्थान सरकार के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की पहल पर कोटा को पर्यटन नगरी बनाने के लिए चंबल रिवर फ्रंट विकसित किया गया है.
यह 27 घाट है शामिल
लोकार्पण समारोह के दौरान कुल 27 घाटों का लोकार्पण होगा, जिनमें चम्बल माता घाट, गणेश पोल, मरू घाट, जंतर-मंतर घाट, विश्व मैत्री घाट, हाड़ौती घाट, महात्मा गांधी सेतु, कनक महल, फव्वारा घाट, रंगमंच घाट, साहित्य घाट, उत्सव घाट शामिल हैं. साथ ही, सिंह घाट, नयापुरा गार्डन, जवाहर घाट, गीता घाट, शान्ति घाट, नन्दी घाट, वेदिक घाट, रोशन घाट, घंटी घाट, तिरंगा घाट, शौर्य घाट, राजपूताना घाट, जुगनु घाट, हाथी घाट और बालाजी घाट का भी शामिल है.
जवाहर घाट पर पं. नेहरू का दुनिया का सबसे बड़ा मुखौटा तैयार
कोटा में विकसित चम्बल रिवर फ्रंट आर्किटेक्ट का देशभर में अद्वितीय नमूना है. इस पर विकास के साथ पर्यटन, रोजगार, पर्यावरण संरक्षण के साथ नदी के सौंदर्यकरण जैसे कार्य किए गए हैं. यहां पर चम्बल माता की 242 फ़ीट ऊंची संगमरमर की मूर्ति भी स्थापित की गई है. चम्बल रिवर फ्रंट के जवाहर घाट पर पं. जवाहर लाल नेहरू का दुनिया का सबसे बड़ा गन मेटल का मुखौटा बनाया गया है. साथ ही, दुनिया का सबसे बड़ा नन्दी भी यहां बना है.
राजपूताना घाट और साहित्य घाट पर दिखेगी संस्कृति की झलक
इसी प्रकार, एक बगीचे में 10 अवतारों की मूर्ति लगाई गई है तथा बुलन्द दरवाजे से ऊंचा दरवाजा बनाया गया है. राजपूताना घाट पर राजस्थान के 9 क्षेत्रों की वास्तुकला व संस्कृति को दर्शाया गया है. मुकुट महल में 80 फ़ीट ऊँची छत है तथा यहाँ पर सिलिकॉन वैली भी है. ब्रह्मा घाट पर विश्व की सबसे बड़ी घण्टी बनाई गई है जिसकी आवाज 8 किमी दूर तक सुनी जा सकेगी. साहित्यिक घाट पर पुस्तक, प्रसिद्ध लेखकों की प्रतिमाएं भी स्थापित की गई है.