
Rajasthan News: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के सुप्रसिद्ध कृष्णधाम श्री सांवलिया सेठ में आयोजित तीन दिवसीय जलझूलनी एकादशी मेला गुरुवार की रात को एक खास पहल के साथ संपन्न हुआ. मेले के आखिरी दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद 51 दिव्यांगों को ट्राई-मोटरसाइकिल (स्कूटी) बांटी गईं, जिससे उनके जीवन में नई उम्मीद की किरण जगी. इस मानवीय और सामाजिक सरोकार के कार्यक्रम के साथ ही मेले का समापन हो गया.
2 से 4 सिंतबर तक चला मेला
श्री सांवलियाजी का तीन दिवसीय मेला 2 से 4 सितंबर तक आयोजित हुआ. इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा श्याम के दर्शन किए. मेले की शुरुआत ठाकुरजी की भव्य शोभायात्रा और विराट कवि सम्मेलन से हुई, जिसमें देशभर के प्रख्यात कवियों ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया. अगले दिन ठाकुरजी को रजत रथ पर विराजित कर शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें आतिशबाजी और भक्तिमय माहौल ने भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया. हालांकि, मेले का सबसे महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक हिस्सा आखिरी दिन का रहा, जब मीरा रंग मंच पर आयोजित एक समारोह में 51 दिव्यांगजनों को ट्राई-मोटरसाइकिल वितरित की गईं.
सरकार की योजना से मिल रही मदद
इस मौके पर NDTV राजस्थान से बात करते हुए सांसद सीपी जोशी ने बताया कि भारत सरकार ने धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 'स्वदेश दर्शन योजना' के तहत कई धार्मिक सर्किट बनाए हैं. इसी योजना के तहत, श्री सांवलियाजी मंदिर को भी अध्यात्मिक सर्किट से जोड़ा गया है. सांसद ने बताया कि यहां करीब 18 करोड़ रुपये की लागत से वॉटर लेजर शो, कैफेटेरिया और अन्य विकास कार्य करवाए जा रहे हैं. इन कार्यों का उद्देश्य श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है.
📍 चित्तौड़गढ़
— C. P. Joshi (@cpjoshiBJP) September 4, 2025
श्री सांवलिया सेठ जी मंदिर, मंडफिया एवं प्राकट्य स्थल, भादसोड़ा में आयोजित विशाल "जलझूलनी एकादशी मेला" के अंतर्गत जलझूलनी एकादशी (डोल ग्यारस) के पावन अवसर पर भजन संध्या एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम...
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वहीं, श्री सांवलिया सेठ मंदिर मंडल के अध्यक्ष हजारी दास वैष्णव ने कहा कि मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए चढ़ावे का सदुपयोग उनकी सुविधाओं को बढ़ाने में किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि यात्रियों को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं.
प्रतिभाओं और स्टाफ का भी सम्मान
स्कूटी वितरण समारोह के अलावा, इस मौके पर शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों, मंदिर के स्टाफ सदस्यों और अन्य सहयोगियों को भी सम्मानित किया गया. मंदिर मंडल ने उन सभी लोगों के प्रति आभार व्यक्त किया, जिन्होंने इस मेले को सफल बनाने में योगदान दिया. लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच यह मेला शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ. मंदिर मंडल के नाथावत ने बताया कि सुरक्षा, स्वच्छता और आवास के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे, ताकि किसी को कोई परेशानी न हो.
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