Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत के लिए मैदान में उतर गए हैं. इस बार राजस्थान के कई सीटों पर जबरदस्त टक्कर दिखने वाली है. इन दिलचस्प सीटों में चूरू लोकसभा सीट का नाम भी शामिल है. क्योंकि सालों से बीजेपी के लिए लड़ने वाला कस्वां परिवार इस बार उनके खिलाफ मैदान में हैं. राहुल कस्वां ने बीजेपी से लगातार दो बार जीत हासिल की थी. लेकिन बीजेपी ने उनका टिकट काट कर दवेंद्र झाझड़िया को चूरू से उम्मीदवार घोषित कर दिया है. जिसके बाद राहुल कस्वां कांग्रेस में शामिल हो गए और उन्हें चूरू से टिकट दे दिया गया. ऐसे में खेल के अनुभवी के सामने अब राजनीति के अनुभवी राहुल कस्वां की सबसे बड़ी चुनौती है. वहीं देवेंद्र झाझड़िया ने भी इस चुनौती को संभल लिया है और एक राजनीतिज्ञ की तरह चुनावी मैदान में बयानों का वार करना शुरू कर दिया है.
चूरू लोकसभा सीट पर 19 अप्रैल को यानी पहले फेज में मतदान होना है. ऐसे में देवेंद्र झाझड़िया को पूरी ताकत झोंकनी होगी. चूरू इस बार राजस्थान की हाट सीट में से एक बन गई है जिस पर सभी की निगाहें टिकी हैं.
दवेंद्र झाझड़िया का राहुल कस्वां पर हमला
दवेंद्र झाझड़िया अब तक सधे हुए अंदाज में जनता के बीच जा रहे थे. लेकिन अब उन्होंने राहुल कस्वां के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने चुप्पी तोड़ते हुए राहुल कस्वां पर चुनावी बाण चलाना शुरू कर दिया है. उन्होंने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए राहुल कस्वां पर सबसे बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि
बता दें दवेंद्र झाझड़िया ने इससे पहले कभी चुनाव नहीं लड़ा है. उनकी यह पहली राजनीतिक पारी है. बता दें दवेंद्र झाझड़िया ने राहुल कस्वां पर सीधा पर्सनल अटैक पहली बार किया है. वहीं राहुल कस्वां ने देवेंद्र झाझड़िया पर किसी तरह का सीधा अटैक नहीं किया है.
राहुल कस्वां लगातार बीजेपी को सामंतवादी सोच बता रहे हैं
राहुल कस्वां लगातार बीजेपी नेताओं की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं बीजेपी को सामंतवादी सोच बता कर अटैक कर रहे हैं. उनका कहना है कि बीजेपी एक आदमी की पार्टी बन गई है. जिसमें एक आदमी ही फैसला लेता है और वहां दूसरों की कदर नहीं की जाती है. उन्होंने कहा था कि टिकट काटने का गुस्सा नहीं लेकिन इतना तो होना चाहिए कि एक सीटिंग सांसद से बात करनी चाहिए.राहुल कस्ंवा अपनी बात अब जनता के पास लेकर जा रहे हैं. वहीं राहुल कस्वां को लोगों का सपोर्ट भी जबरदस्त मिल रहा है.
बहरहाल दवेंद्र झाझड़िया के सामने राहुल कस्वां की सबसे बड़ी चुनौती है. और राजनीति में झाझड़िया के पास कोई अनुभव नहीं है. उनके पास केवल पीएम मोदी के चेहरे का भरोसा है. देखना ये है कि जनता क्या फैसला करती है.
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