Rajasthan Electricity and Water Crisis: राजस्थान में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच बिजली-पानी की किल्लत से लोगों का जीना मुहाल हो गया है. बिजली कटौती और पेयजल संकट के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर शुक्रवार दोपहर बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों के साथ हाईलेवल मीटिंग की. सचिवालय में हुई इस मीटिंग के बाद सीएम ने अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी और साथ ही काम में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के संकेत भी दिए. दरअसल शुक्रवार को जयपुर में प्रदेश में पानी बिजली और हेल्थ सिस्टम को ठीक करने के लिहाज़ से ज़िलों के दौरे पर गए प्रभारी सचिवों के साथ CM ने सचिवालय में हाई लेवल की. बैठक में CM ने सभी प्रभारी सचिवों से फीडबैक लिया है.
जिलों के दौरे और नाइट स्टे नहीं करने वाले अधिकारियों की मांगी रिपोर्ट
CM ने बैठक में प्रभारी सचिवों के ज़िलों के दौरे के बारे में फीडबैक लेते हुए मुख्य सचिव से ज़िलों के दौरे पर नहीं जाने वाले और किसने नाइट स्टे नहीं करने वाले अधिकारियों की रिपोर्ट मांगी. सीएम ने सचिवों से पूछा ज़िलों में पानी बिजली और हेल्थ सिस्टम कैसा है. आम आदमी की पीड़ा को दूर करना हमारी प्राथमिकता है. अधिकारियों को अपने लक्ष्य तय करने होंगे और लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास भी करने होंगे.
काम की रफ्तार को बढ़ाना होगा... सीएम का साफ निर्देश
बैठक में मुख्यमंत्री ने दो टुक शब्दों में साफ़ कर दिया कि काम की रफ़्तार को बढ़ाना होगा. सरकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक कैसे पहुँचे इस पर फ़ोकस बढ़ाना होगा. ग़ौरतलब है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सचिवालय में प्रदेश के सभी अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक ले रहे हैं. बैठक में सीएस, एसीएस और सेक्रेटरी स्तर के अधिकारी सचिवालय में जुड़े हैं जबकि संभागीय आयुक्त जिला कलेक्टर और जिला SP स्तर के अधिकारी वीसी से जुड़े रहे.
पानी, बिजली और स्वास्थ्य सेवा की समीक्षा था मुख्य एजेंडा
मुख्यमंत्री की इस बैठक का मुख्य एजेंडा पानी बिजली स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करना है. इसके साथ पौधरोपण अभियान को गति देना, सरकारी सिस्टम में लगने वाली लेट लतीफी को कम करना, सरकार को मिलने वाली सूचनाओं पर रिस्पॉन्स टाइम को कम करना जैसे मुद्दे शामिल है. अब देखना है कि सीएम की इस समीक्षा बैठक और अधिकारियों को दी गई हिदायत का कितना असर होता है.
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