Rajasthan News: दिल्ली के साथ-साथ राजस्थान में भी जल और ऊर्जा संकट से लोग बेहाल हैं. आलम यह है कि लोगों को दो बूंद पानी मिलना भी मुश्किल हो रहा है. ऐसी स्थिति में लोगों की उम्मीद भरी निगाहें अब सरकार पर टिकी हैं. इस बीच, प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने एक इंटरव्यू में सभी मसलों पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों से लोगों को अवगत कराने का प्रयास किया. वहीं दूसरी तरफ पहले की कांग्रेस सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए.
'गहलोत सरकार के कारण जल संकट'
जल संकट पर सवाल पूछने पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने पूर्व की कांग्रेस सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी. उन्होंने दो टूक कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार के कुप्रबंधन की वजह से आज प्रदेश में लोग जल संकट से जूझ रहे हैं. स्थिति ऐसी बन चुकी है कि कई लोगों को दो बूंद पानी तक मयस्सर नहीं हो पा रहा है. हालांकि, हमारी सरकार इस संकट से निपटने के लिए कमर कस चुकी है, लेकिन गर्मी का सितम भी हमारी तैयारियों पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहा है. इन सबके बावजूद भी मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि अगर पूर्व की कांग्रेस सरकार ने थोड़ी-सी भी संजीदगी दिखाई होती, तो आज सूबे के लोगों को ऐसे दौर का सामना न करना पड़ता.
'हमें राज्यों को लौटाना पड़ा रहा ईंधन'
मुख्यमंत्री ने पूर्व की कांग्रेस सरकार पर प्रहार करते हुए कहा कि तत्कालीन सरकार को चारदीवारी के होटलों में काम करने की तलब लग गई थी. उसने कभी भी जमीन पर उतरकर लोगों की संवेदना और पीड़ा समझने की जहमत नहीं उठाई. अगर उठाई होती तो आज लोगों को इस स्थिति से न गुजरना पड़ता. मुख्यमंत्री ने कहा, 'कांग्रेस ने अपने शासन के दौरान कई राज्यों से वित्त वर्ष 2022-23 में ईंधन उधार लिए थे. इसके लिए तत्कालीन सरकार ने समझौता ज्ञापन किया था. अब हमें सत्ता में आने के बाद इन राज्यों को यह ईंधन लौटाना पड़ रहा है. इससे राज्य में ईंधन असंतुलित हो गया है, जिससे लोगों को ऊर्जा संकट से जूझना पड़ रहा है. वहीं सभी को जल उपलब्ध कराने के मकसद से 'जल जीवन मिशन' शुरू किया गया था, लेकिन अफसोस तत्कालीन सरकार इस स्कीम को लेकर भी संजीदा नहीं रही.'
'दो साल में मिलेगी सुचारू बिजली'
इस दौरान सीएम ने कहा कि हम लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमने ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने, राज्य में ऊर्जा पारेषण प्रणाली को मजबूत करने और थर्मल और नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन के लिए नई परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 1.60 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में किसानों सहित राजस्थान के प्रत्येक नागरिक को सुचारू बिजली आपूर्ति मिलेगी और राजस्थान बिजली सरप्लस राज्य बन जाएगा.
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