
Vande Ganga Rajasthan: राजस्थान में जल संरक्षण को लेकर एक नई चेतना की शुरुआत हो चुकी है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की ओर से शुरू की गई ‘वंदे गंगा' मुहिम अब प्रदेश में जन-आस्था और जन-भागीदारी का प्रतीक बन गई है. इस अभियान को सोशल मीडिया पर भी ज़बरदस्त समर्थन मिला है. प्लेटफॉर्म X पर #VandeGangaRajasthan हैशटैग दिनभर टॉप ट्रेंड में रहा. सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों, शिक्षकों, छात्रों और आमजन तक सभी वर्गों ने इस अभियान में भागीदारी जताई. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस पहल को राजस्थान को जल संकट से जल समाधान की ओर ले जाने वाला यज्ञ बताया. उन्होंने कहा कि अगर संकल्प और सहयोग हो, तो राजस्थान जैसे राज्य में भी जल सृजन और संरक्षण को जनक्रांति का रूप दिया जा सकता है.
अभियान में गांवों से लेकर शहरों तक सक्रिय भागीदारी
इस मुहिम में जनसहयोग से जल स्त्रोतों का निर्माण और मरम्मत कार्य किया जा रहा है. साथ ही नदी-नालों की सफाई व संरक्षण कार्य ग्राम स्तर पर रेनवॉटर हार्वेस्टिंग की योजना पर भी काम हो रहा है. यह अभियान प्रदेश के सभी संभागों जयपुर, कोटा, जोधपुर, भरतपुर, बीकानेर, उदयपुर और अजमेर में जोर पकड़ चुका है. गांवों से लेकर शहरों तक सामाजिक संगठनों, विद्यार्थियों और आमजन ने जल यात्राओं, श्रमदान शिविरों और साइकिल रैलियों के जरिए सक्रिय भागीदारी की.

'X' पर टॉप ट्रेंड में अभियान
सरकारी स्कूलों-कॉलेजों में नियुक्त किए गए जल मित्र
सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में जल मित्र नियुक्त किए जा रहे हैं. साथ ही, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को सभी सरकारी भवनों में अनिवार्य किया जा रहा है. अब राजस्थान सिर्फ पानी बचा नहीं रहा, जल संरक्षण की मिसाल गढ़ रहा है. वंदे गंगा एक जन-जागरण की स्थायी विरासत बन रहा है.
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