Sikar Medical Teachers Protest: राजस्थान में डॉक्टरों का अनोखा विरोध प्रदर्शन देखने को मिला है. सीकर जिले के श्री कल्याण मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के शिक्षकों का यह प्रदर्शन पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. डॉक्टर्स अपनी मांगों को लेकर आज मरणासन (Dying Cadre) के रूप में कफन ओढ़कर जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे मेडिकल कॉलेज के शिक्षक और डॉक्टरों का कहना है कि राजस्थान सरकार के सेवा नियम है उसे हमारे ऊपर नहीं लगाए जा रहे हैं, जबकि बजट घोषणा में सभी राजमेश ( राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी ) सभी चिकित्सकों को राज्य सेवा नियम अधिनियम में शामिल करने की घोषणा की गई थी. वहीं अब स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए डॉक्टरों को काम पर वापस लौटनें को कहा है.
RajMES ने नए कैडर को तो राजस्थान सेवा नियम में शामिल कर लिया, लेकिन 2017 से इन मेडिकल कॉलेज में राजमेस के तहत काम कर रहे चिकित्सक शिक्षक को इस बजट घोषणा के राजस्थान सेवा नियम से बाहर करते हुए मरणासन घोषित कर दिया है. इसलिए प्रदर्शन के माध्यम से मांग है कि जो राजस्थान सेवा नियम 1962 के तहत सभी चिकित्सक शिक्षकों पर समान रूप से लागू हो.
डॉक्टर्स ने दी बड़े प्रदर्शन की दी चेतावनी
सीकर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक शिक्षकों ने कॉलेज परिसर में प्रदर्शन करते हुए कहा कि अगर जल्द मांगे नहीं मानी जाती तो आने वाले दिनों में प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक शिक्षक अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार कर बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. वहीं सीकर के श्री कल्याण मेडिकल कॉलेज में चिकित्सक शिक्षकों के कार्यबहिष्कार के चलते मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की पढ़ाई भी बाधित हुई, जिसके चलते उन्होंने भी कॉलेज परिसर में प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे मेडिकल कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने सरकार से पुराने कैडर के चिकित्सा शिक्षकों की मांग करते हुए विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू करने की मांग रखी.
डॉक्टर्स की सामूहिक हड़ताल
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों का कहना है कि राजस्थान चिकित्सक शिक्षा समिति राजमेस के तहत आने वाले 17 मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक शिक्षक डाइंग कैडर के विरोध में सोमवार को सामूहिक हड़ताल पर है. इसी के तहत शिक्षकों ने राजस्थान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मुर्दाबाद के नारे भी लगाए. मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक शिक्षकों का कहना है कि वह राजमेश में वर्ष 2017 से लगातार कार्यरत है. कोरोना काल में भी इन चिकित्सकों ने बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई थी. लेकिन अब राजस्थान सरकार ने उन्हें डाइंग कैडर में शामिल कर उनके साथ बड़ा अन्याय किया है.
सर्विस रूल्स लागू करने की मांग
प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों की मांग है कि उन पर सभी सर्विस रूल्स लागू किया जाए, जिससे ग्रुप-1 के चिकित्सक शिक्षकों के समान ही वह भी वेतन ले सके. यदि प्रदेश की सरकार उनकी मांगों पर जल्द ही कोई फैसला नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में राजमेश के अधीन आने वाले 17 मेडिकल कॉलेज के 700 से अधिक मेडिकल चिकित्सक शिक्षक अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे. अगर जरूरत पड़ी तो प्रदेश के अन्य चिकित्सकों को भी लेकर राज्य सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने दी डॉक्टरों को जानकारी
वहीं इस प्रदर्शन की खबर सामने आने के बाद स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने जानकारी दी कि राज्य सरकार राजमेस के माध्यम से कार्यरत चिकित्सकों की लंबे समय से चली आ रही वेतन विसंगति की समस्या पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है. इस विसंगति को दूर करने के लिए नियमों में आवश्यक संशोधन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है. इसलिए चिकित्सक तत्काल काम पर लौट जाएं.
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