
Rajastan Politics: राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस के 6 विधायकों के निलंबन के मामले पर सोमवार (24 फरवरी) को भी सदन में जमकर हंगामा हुआ. निलंबित विधायक पिछले सप्ताह शुक्रवार (21 फरवरी) से ही सदन में धरने पर बैठे हैं. पिछले सप्ताह राजस्थान विधानसभा में भजनलाल सरकार के मंत्री अविनाश गहलोत ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में एक टिप्पणी की थी जिसका कांग्रेस ज़ोर-शोर से विरोध कर रही है. पार्टी विधानसभा के बाहर भी पूरे राजस्थान में जगह-जगह प्रदर्शन कर रही है. सोमवार को कांग्रेस ने विधानसभा का घेराव करने की घोषणा की है और इसके लिए यूथ कांग्रेस और पार्टी के कार्यकर्ताओं को जयपुर बुलाया गया है. पार्टी के कई बड़े प्रादेशिक नेता भी विरोध में हिस्सा ले रहे हैं जिनमें बीडी कल्ला, भंवर सिंह भाटी और प्रताप सिंह खाचरियावास जैसे नेता शामिल हैं.
धरने में शामिल कांग्रेस के सांसद मुराली लाल मीणा ने कहा, "जब भी लोकसभा या विधानसभा की कार्यवाही चलती है तो बीजेपी जानकर ऐसी बातें करने लगती है जिससे व्यवधान हो और सदन में जनता की समस्याओं पर चर्चा हो. इनकी मूल भावना यही है कि विधानसभा की कार्यवाही ना चले."
वहीं पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि इस गतिरोध को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को माफी मांग लेनी चाहिए. उन्होंने कहा, "सदन चलाने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होती है, वो माफी मांग लें तो यह गतिरोध खत्म हो जाएगा."
पुलिस के साथ धक्का-मुक्की
प्रशासन की ओर से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को विधानसभा के बाहर रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस दौरान सुरक्षाकर्मियों और कार्यकर्ताओं के बीच धक्कामुक्की भी हुई है. कांग्रेस प्रदर्शनकारी प्रदर्शन करते हुए विधानसभा की ओर कूच करने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस की ओर से प्रदर्शकारियों से कहा जा रहा है कि उन्हें शांतिपूर्वक प्रदर्शन की अनुमति दी गई है लेकिन वो बैरिकेड का घेरा तोड़ कर आगे नहीं जा सकते.
विधानसभा में जारी विरोध
सोमवार को 11 बजे राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के विधायकों ने वेल में जाकर नारेबाजी शुरू कर दी. निलंबित सदस्य भी सदन के अंदर मौजूद थे. उन्होंने भी अपनी पार्टी के विधायकों के साथ नारे लगाए. विधानसभा अध्यक्ष स्पीकर वासुदेव देवनानी ने निलंबित सदस्यों को बाहर जाने के लिए कहा लेकिन सदस्य बाहर नहीं गए. स्पीकर ने बार-बार सदस्यों को अपने स्थान पर बैठने के लिए कहा, लेकिन सदस्यों ने स्पीकर के आग्रह को अनसुना कर दिया.
हंगामा बढ़ने के बाद स्पीकर ने दो बार सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया. पहली बार सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई. इसके बाद 12 बजे जब दोबारा सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस विधायकों ने फिर हंगामा किया. इसके बाद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने दोबारा सदन को 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. इसके बाद तीसरी बार सदन को 2 बजे दोपहर तक के लिए स्थगित किया गया. इसके बाद सदन को फिर से स्थगित किया गया.
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