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This Article is From Sep 26, 2023

जोधपुर में देश के पहले रेलवे टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण शुरू, 819 करोड़ से 60 किमी लंबा बन रहा ट्रैक

अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जर्मनी की तर्ज पर बनने वाले देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण राजस्थान के नावां सिटी रेलवे स्टेशन के पास प्रारंभ हो गया है. देश के इस पहले टेस्ट ट्रैक का निर्माण दिसंबर 2024 तक पूरा होने का अनुमान है.

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जोधपुर में देश के पहले रेलवे टेस्टिंग ट्रैक का निर्माण शुरू, 819 करोड़ से 60 किमी लंबा बन रहा ट्रैक
देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का एरियल व्यू

प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां अपने चरम पर चल रही है. इसी के बीच अब केंद्र सरकार भी प्रदेश में बड़ी सौगात देने में पीछे नहीं है. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का गृह क्षेत्र जोधपुर है. यह बड़ी सौगात इसी जिले को समर्पित है. केंद्रीय रेल मंत्री ने देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक के निर्माण की शुरुआत कर दी है. अब अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जर्मनी की तर्ज पर बनने वाले देश के पहले रेलवे टेस्ट ट्रैक का निर्माण राजस्थान के नावां सिटी रेलवे स्टेशन के पास प्रारंभ हो गया है. इसके निर्माण से देश को रेलवे के क्षेत्र में इंटरनेशनल स्टेंडर्ड की टेस्टिंग फेसिलिटी उपलब्ध होगी.

निर्माण कार्य

819.90 करोड़ रुपए की लागत से यह डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार हो जायेगा.


उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल पर विकसित होने वाले करीब 60 किलोमीटर लंबे इस रेलवे टेस्ट ट्रैक के निर्माण कार्य चरणबद्ध तरीके से आरंभ किया गया है. लगभग 819.90 करोड़ रुपए की लागत से यह डेडिकेटेड टेस्ट ट्रैक दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार होने की संभावना है. रेलवे का कहना है कि इस ट्रैक परियोजना के पूरा होने के साथ भारत ऐसा पहला देश होगा जिसके पास रोलिंग स्टॉक के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों की व्यापक परीक्षण सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

जोधपुर मंडल रेल प्रबंधक पंकज कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने वाले एकमात्र अनुसंधान संगठन रिसर्च एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) द्वारा विकसित किया जा रहा देश का पहला रेलवे टेस्ट ट्रैक जोधपुर मंडल के नावां रेलवे स्टेशन के पास गुढा-ठठाणा मीठड़ी के बीच बिछाया जा रहा है.


उन्होंने बताया कि इस संबंध में भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही पूरी की जा चुकी है. साथ ही टेस्ट ट्रैक का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है. गौरतलब है कि टेस्ट ट्रैक का निर्माण दो फेज में पूरा होगा. जिसमें पहला फेज 25 किलोमीटर का होगा इसके तहत मेजर ब्रिज का निर्माण कार्य 95 फीसदी पूरा भी करवा लिया गया है.

इसके अलावा टेस्ट के उद्देश्य से 34 छोटे ब्रिजों का भी निर्माण करवाया जा रहा है. जिनमें से 34 का कार्य पूरा हो चुका है और शेष 9 का कार्य प्रगति पर है. इस रेलवे टेस्ट ट्रैक की भूमि पर 8 रेलवे अंडर ब्रिज में से 3 ब्रिज बनकर तैयार है.

 कार्य

इस ट्रैक में 3 लूप ( हाई-स्पीड, क्विक टेस्टिंग, कर्व टेस्टिंग लूप ) होंगे.

उन्होंने बताया कि देश का पहला टेस्ट ट्रैक का निर्माण दिसंबर-2024 तक पूरा होने का अनुमान है. इस ट्रैक के बनने के बाद अमरीका और आस्ट्रेलिया की तर्ज पर 220 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हाई स्पीड, रेगुलर ट्रेनों और गुड्स वैगन ट्रैन का यहां ट्रायल संभव हो सकेगा.

निर्माण कार्यों के दूसरे फेज में वर्कशॉप, प्रयोगशाला और आवास बनाने की योजना भी है. गौरतलब है कि इस हाई स्पीड डेडिकेटेड रेलवे ट्रैक में 23 किलोमीटर लंबी मुख्य लाइन होगी इसमें गुढ़ा में एक हाई-स्पीड 13 किलोमीटर लंबा लूप होगा और नवा में 3 किलोमीटर का एक क्विक टेस्टिंग लूप और मिथ्री में 20 किलोमीटर का कर्व टेस्टिंग लूप होगा.

वर्ल्ड क्लास के इस टेस्ट ट्रैक पर कई नए परीक्षण होंगे. इस पर हाई स्पीड, वंदे भारत और रेगुलर ट्रेनों का ट्रायल भी  होगा. इसके साथ ही लोकोमोटिव और कोच के अलावा इस ट्रैक को हाई एक्सल लोड वैगन के ट्रायल के लिए भी प्रयोग में लाया जाएगा. 

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