
राजस्थान में बच्चों के लिए जानलेवा दवा बनाने वाली कंपनी केयसंस फार्मा लिमिटेड के जयपुर के सरना डूंगर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित इस कंपनी की फैक्ट्री पर ताले लग गए हैं. फैक्ट्री मालिक सहित कोई कर्मचारी नहीं है. दो दिन पहले भरतपुर की घटना के बाद लिए गए सैंपल में खामी मिलने के बाद से यह फैक्ट्री बंद पड़ी है. कंपनी के पास इस फैक्ट्री में लिक्विड सेक्शन, कैप्सूल और टेबलेट बनाने का लाइसेंस है.
ड्रग विभाग ने लिया था सैंपल
करीब छह माह पहले ड्रग विभाग ने कफ सिरप बैच (KL 22/357) का सैंपल लिया था. सरकारी लैब की जांच में पाया गया कि सिरप में मौजूद मेंटॉल 0.5 एमजी मानक के अनुरूप नहीं था. जबकि फार्मूले के हिसाब से इसमें Chlorpheniramine Maleate 3 mg, Ammonium Chloride 130 mg, Sodium Citrate 65 mg और Menthol 0.5 mg होना चाहिए था. रिपोर्ट फेल होने के बाद ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 और नियमावली 1945 के तहत यह दवा स्टैंडर्ड क्वालिटी से बाहर घोषित कर दी गई और कंपनी को आरएमएससीएल ने 21 फरवरी 2025 को एक साल के लिए डिबार कर दिया.
सीकर में 5 साल के बच्चे की हो गई थी मौत
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि डिबार होने के बावजूद कंपनी की अन्य दवाओं की सप्लाई सरकारी अस्पतालों में जारी रही. यही नहीं हाल ही में मुफ्त दवा योजना में दी जाने वाली Dextromethorphan HBr Syrup IP 13.5mg/5ml पीने से सीकर में पांच साल के बच्चे की मौत हो गई. अजीतगढ़ में दो जयपुर में एक और भरतपुर में एक बच्चा व एक डॉक्टर इस सिरप से बीमार होकर अस्पताल पहुंच गए. इसके बाद चिकित्सा विभाग ने इस सिरप के वितरण पर रोक लगा दी और जांच के लिए सैंपल लैब भेजे हैं. रिपोर्ट आने का इंतजार है.
नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी घोषित किया था
यह विवाद नया नहीं है. 2021 में दिल्ली के कलावती सरन हॉस्पिटल में भी Dextromethorphan Syrup के ज़हरीले असर से 16 बच्चों की तबीयत बिगड़ी थी. मेडिकल रिपोर्ट ने साफ कर दिया था कि यह दवा चार साल से कम उम्र के बच्चों के लिए पूरी तरह असुरक्षित है. 2023 में राजस्थान ड्रग्स कंट्रोल कमिश्नरेट ने भी केयसंस फार्मा की एक खांसी की सिरप (Chlorpheniramine Maleate, Ammonium Chloride, Sodium Citrate और Menthol Syrup) को नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी घोषित किया था.
तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी
अब सरकार ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित कर दी है, और दवा वितरण पर रोक के साथ सैंपल दोबारा लैब भेजे गए हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि जब बार-बार सैंपल फेल हो रहे थे तो आखिर कैसे ये दवाएं पास होकर बच्चों तक पहुंचती रहीं और डिबार कंपनी की दवाओं की सप्लाई पर समय रहते रोक क्यों नहीं लगी.
रिश्तेदारों ने बात करने से किया इनकार
राजस्थान में बच्चों के लिए ज़हरीली खांसी की सिरप बनाने वाली कंपनी कायसंस फार्मा की फैक्ट्री पर ताले लगने के बाद एनडीटीवी की टीम ने फैक्ट्री मालिक वीरेंद्र कुमार गुप्ता का पक्ष जानने की कोशिश की. जयपुर के बनी पार्क इलाके में स्थित उनके आवास पर टीम पहुंची, लेकिन वहां वीरेंद्र कुमार गुप्ता मौजूद नहीं थे. घर पर मौजूद उनके एक रिश्तेदार ने NDTV से कहा कि दोनों फिलहाल बाहर हैं. जब NDTV ने फोन पर बात करवाने का आग्रह किया तो उन्होंने साफ कहा कि अभी वे मीडिया से बात करने के लिए उपलब्ध नहीं हैं.
रिश्तेदार ने यह भी कहा कि वो सही समय पर मीडिया से बात करेंगे. NDTV की टीम का मकसद गंभीर आरोपों का सामना कर रही इस फार्मा कंपनी का पक्ष जानना था, लेकिन मालिक अभी सार्वजनिक तौर पर सामने आने को तैयार नहीं हैं.
यह भी पढ़ें: भीलवाड़ा में दिखा 5 फीट चौड़े पंख वाला चमगादड़, 2 किलोग्राम वजन; देखने में डरावना
Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.