
Sikar MP Amraram: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) सांसद अमराराम ने केंद्र की मोदी सरकार की तारीफ की. उन्होंने जल जीवन मिशन की सराहना की. उन्होंने आभार जताते हुए कहा कि आजादी के 75 साल बाद देश के हर घर में नल से जल पहुंचाने के उद्देश्य से जल जीवन मिशन शुरू की गई. हालांकि इस योजना को धरातल पर उतारने की जरूरत भी बताई. माकपा सांसद ने लोकसभा में जलशक्ति मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदान की मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि शहरों में बहुमंजिला इमारतों में भी नल से जल पहुंच जाता है. वहीं, गांवों में आजादी के कई दशक बाद भी पाइपलाइन से पेयजल पहुंचाने के बारे में नहीं सोचा गया था.
"पाइपलाइन बिछाने के लिए ग्रामीण सड़कों को बर्बाद कर दिया"
सीकर सांसद ने कहा, "आजादी के 75 साल बाद भी गांवों में नल से जल नहीं पहुंच रहा था. ऐसे में जल जीवन मिशन के तहत हर घर को नल से जल देने की योजना लाने के लिए सरकार का धन्यवाद है. राजस्थान और विशेष रूप से शेखावाटी क्षेत्र में 1 प्रतिशत गांवों में भी नल से जल नहीं पहुंचा है, पाइपलाइन बिछाने के लिए ग्रामीण सड़कों को भी बर्बाद कर दिया गया."
उन्होंने कहा कि राजस्थान में 70 प्रतिशत आबादी फ्लोराइड युक्त पानी से होने बीमारियों का सामना कर रही है. गांवों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजना को धरती पर उतारने की जरूरत है.
जल जीवन मिशन पर इन सांसदों ने भी लिया हिस्सा
हालांकि इसी चर्चा के दौरान देश के अन्य राज्यों के सांसद ने इस पर बात कही. समाजवादी पार्टी के पुष्पेंद्र सरोज ने जल जीवन मिशन के तहत उत्तर प्रदेश में 85 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाने के सरकार के दावे पर सवाल खड़े किए. तृणमूल कांग्रेस की सांसद प्रतिमा मंडल ने पश्चिम बंगाल के सुदंरबन क्षेत्र में नदी तटबंधों के निर्माण और रखरखाव के लिए राशि आवंटित करने की मांग केंद्र सरकार से की. इस चर्चा में आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह मीत, एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के के. सुब्बारायण ने भी भाग लिया.
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