
Rajasthan: राजस्थान के बाड़मेर सांचोर बेसिन के तेल क्षेत्रों से उत्पादन बढ़ाने की तैयारी शुरू कर दी है. जल्द ही वेदांता समूह की कंपनी केयर्न ऑयल एंड गैस अपने क्षारीय सर्फेक्टेंट पॉलीमर (एएसपी) इंजेक्शन की शुरुआत करेगी. बाड़मेर में 200 से अधिक कुओं के पास नए कुएं खोदकर क्षारीय सर्फेक्टेंट पॉलीमर (एएसपी) छोड़ा जाएगा. इससे क्रूड ऑयल का उत्पादन डेढ़ गुना तक बढ़ जाएगा. ऐसा दावा किया जा रहा है.
16 साल से मंगला से उत्पादन हो रहा
मंगला के बाद भाग्यम और ऐश्वर्या आयल फील्ड में उन्नत तेल रिकवरी (ईओआर) तकनीक और एएसपी इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाएगा. बाड़मेर में साल 2004 में तेल खोज मंगला के साथा थार रेगिस्तान में हुई थी. इसके बाद साल 2009 में तेल उत्पादन की शुरुआत हुई, और लगातार 16 साल से मंगला से उत्पादन हो रहा है.
उत्पादन बढ़ाने के लिए नई तकनीक पर काम शुरू होने जा रहा है. एएसपी की इंजेक्शन तकनीक से 60% तक की क्रूड़ ऑयल उत्पादन में वृद्धि हो सकती है . इस तकनीक में क्षार और सर्फेक्टेंट शामिल होते हैं.
जानें कैसे तकनीक काम करती है
केयर्न ने जून 2024 में एएसपी इंजेक्शन पायलट प्रोजेक्ट के रूप शुरू किया था. इस तकनीक में भू गर्भ में चट्टानों के साथ चिपके हुए क्रूड की मात्रा को इंजेक्शन वेल के जरिए भेजे गए पॉलीमर की सहायता से बाहर लाया जाता है. सामान्य तकनीक से किसी तेल भंडार से जितना तेल उत्पादित किया जा सकता है. उस उत्पादन को पॉलीमर तकनीक से डेढ़ गुना से ज्यादा बढ़ाया जा सकता है.
गुजरात की रिफाइनरियों तक पहुंचाती है
राजस्थान में अब तक कई नई तकनीकों का प्रयोग हुआ है. बाड़मेर फील्ड में मंगला पाइपलाइन शुरू होती है, जो लगातार गर्म और इंसुलेटेड रहने वाली पाइपलाइन है. यह क्रूड को राजस्थान के फील्ड्स से गुजरात की रिफाइनरियों तक पहुंचाती है. पचपदरा रिफाइनरी की शुरुआत के साथ पेट्रोकेमिकल सेक्टर में निवेश बढ़ेगा और निजी कंपनियां इस सेक्टर में आने के लिए प्रोत्साहित होंगी.
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