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19 hours ago

राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड गांव में बोरवेल में गिरे बच्चे को सकुशल निकालने के लिए मंगलवार को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. रेस्क्यू टीम ने कहा कि हम बच्चे को निकालने के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं. दरअसल, सोमवार (10 दिसंबर) को दोपहर बाद करीब 3:30 बजे आर्यन नाम का लड़का खेलते समय बोरवेल में गिर गया था. तभी से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

बोरवेल के बगल में एक गड्ढा खोदा जा रहा है. मासूम 160 फीट गहरे बोरवेल में करीब 147 फीट पर अटका हुआ है. बोरवेल के समीप खुदाई कर बच्चे तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. करीब 10 जेसीबी और ट्रैक्टर से तेजी से मिट्टी निकाली जा रही है. अब तक करीब 40 फीट की खुदाई का काम पूरा हो चुका है, आर्यन 147 फीट पर अटका हुआ है. 

इसके लिए तीन एलएनटी मशीन है और करीब 10 जेसीबी 20 ट्रैक्टर जुटे हुए हैं. NDRF की टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल करने के लिए लोहे की रिंग नुमा रोड डालकर बोरवेल से सीधे ही बच्चे को निकालने की कोशिश कर रही है. बच्चा बोरवेल में अधिक अंदर नहीं जाए. इसके लिए नीचे अंब्रेला नुमा एक इक्विपमेंट लगाया गया है.

जानकारी के मुताबिक, जगदीश मीणा की पत्नी खेत में बनी टंकी पर नहा रही थी. इसी दौरान आर्यन वहां खेल रहा था. तभी वो अचानक से बोरवेल में गिर गया. इसके बाद शोर मचाकर मां ने आसपास के लोगों और पुलिस को इस घटना के बारे में सूचित किया. इसके बाद राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया.

मौके पर जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार, लालसोट एएसपी दिनेश अग्रवाल, विधायक दीनदयाल बैरवा, एसडीएम यशवंत मीणा, नांगल राजावतान डीएसपी चारुल गुप्ता, थाना प्रभारी मालीराम सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. जिलाधिकारी ने बताया कि बोरवेल में से बालक की गतिविधियां साफ नजर आ रही हैं.

परिजनों ने जब बोरवेल के अंदर आवाज दी, तो बच्चे ने भी जवाब दिया.

आज रात भी जारी रहेगा आर्यन का रेस्क्यू

आर्यन को बचाने के लिए रेस्क्यू अब भी जारी है. NDRF की टीम लगातार मशक्कत कर रही है. जबकि 30 घंटे के बाद भी सफलता नहीं मिली है. बताया जा रहा है कि खुदाई के बाद आर्यन को निकालने में काफी दिक्कत आ रही थी, जिसके बाद पाइलिंग मशीन मंगाई गई. इसके बाद जल्द आर्यन के बाहर आने की उम्मीद की जा रही है.

सुबह से बच्चे में नहीं दिख रही है हरकत

आर्यन 30 घंटे से ज्यादा समय से बोरवेल में फंसा हुआ है. बताया जा रहा है कि आर्यन सुबह से ही किसी तरह की हरकत नहीं दिख रही है और उससे बात भी नहीं हो पाई है. 

मंत्री किरोड़ी लाल मीणा घटनास्थल पर पहुंचे, कहा- दो तीन घंटे में बच्चे को निकाल लेंगे

कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा घटनास्थल पर पहुंच कर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया है. मीणा ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और सतत प्रयास किया जा रहा है. ऐसा लग रहा है कि 2-3 घंटे में बच्चे को निकाल लिया जाएगा.

3 साल पहले खोदा गया था बोरवेल नहीं हो रहा था इस्तेमाल

आर्यन जिस बोरवेल में गिरा है उसके बारे में बताया जा रहा है कि यह 3 साल पहले खोदा गया था. लेकिन इसका इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था. यह बोरवेल पीड़ित परिवार के घर के पास ही था. जिसमें सोमवार को आर्यन इस में जा गिरा. करीब 24 घंटे से ज्यादा समय से बोरवेल के आसपास 7 से ज्यादा जेसीबी और 3 एलएनटी मशीनें, दस से ज्यादा ट्रैकटर खुदाई में लगी हैं. दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में चल रहे इस ऑपरेशन में जयपुर से एसडीआरएफ, अजमेर से पहुंची एनडीआरएफ की टीमों के साथ दूसरे एक्सपर्ट भी मौके पर हैं.

आर्यन को बचाने के लिए पहुंची पाइलिंग मशीन

आर्यन को बोरवेल में गिरे 24 घंटे से भी ज्यादा वक्त हो गया है. वहीं आर्यन से बात भी नहीं हो पा रही है. वहीं रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए अब पाइलिंग मशीन लायी गई है. इसके बाद NDRF की टीम बच्चे को बचाने के लिए कोशिश शुरू कर दी है.

JCB से खुदाई के बाद अब मंगाई जा रही है पाइलिंग मशीन

आर्यन को बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जा रही है. लेकिन 24 घंटे बाद भी सफलता नहीं मिली है. डीएम देवेंद्र कुमार ने बताया है कि जेसीबी से खुदाई के बाद काम और मुश्किल होता जा रहा है. अब सवाई माधोपुर और जयपुर से पाइलिंग मशीन मंगाई जा रही है. जिससे कि वर्टिकल ड्रिलिंग की जाएगी.

आर्यन को बचाने में देसी जुगार हुआ फेल

डीएम देवेंद्र कुमार ने बताया है कि बोरवेल में फंसे आर्यन को बचाने के लिए देसी जुगाड़ का सहारा लिया गया था. लेकिन वह फेल हो गया है. पहले बच्चे के नीचे एक जाली लगाई गई जिससे की वह नीचे नहीं गिरे. इसके बाद एक रिंग डाला गया और उसके हाथ को फंसा कर ऊपर लाने का प्रयास किया गया. लेकिन यह सफल नहीं हो पाया है. वहीं अब भी JCB से खुदाई की जा रही है. लेकिन जैसे-जैसे खुदाई हो रही है काम मुश्किल होता जा रहा है.

रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए दस लाख रुपए जिला प्रशासन को दिए गए- किरोड़ी लाल मीणा

कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि 5 वर्षीय आर्यन खुले बोर में गिरने के अत्यंत दु:खद समाचार प्राप्त हुए जो बहुत ही चिंताजनक है. सूचना मिलते ही संबधित विभाग से दस लाख रुपए जिला प्रशासन को दिए गए हैं.

अब एक और देसी जुगाड़

एक तरफ खुदाई का काम लगातर जारी है. दूसरी तरफ बचावकर्मी लगातार दुसरे तरीके भी अपना रहे हैं. अम्ब्रेला नुमा चक्र के बाद अब एक रिंग बनाई गई है. बचावकर्मियों को उम्मीद है कि इसमें फंसा कर आर्यन को बाहर निकाला जा सकता है. 

आर्यन की मां बोली- मेरे सामने ही फिसल कर गिरा

5 साल के आर्यन के बोरवेल में गिरने के बाद मां का रो -रो कर बुरा हाल है.  उन्होंने बताया कि सोमवार को वो खेत में काम कर रहीं थीं. तभी उन्होंने देखा कि उसका बेटा बोरवेल के पास जा रहा है. जब मैं उसकी तरफ गई लेकिन उसका पैर फिसल गया और वो बोरवेल में गिर गया. 3 साल पहले ही बोरवेल बनवाया था. 

100 फ़ीट हुई खुदाई

बचावकर्मियों ने करीब 100 फ़ीट खुदाई कर ली है. आर्यन बोरवेल में 147 फ़ीट पर फंसा हुआ है. यानी महज 47 फ़ीट खुदाई और होनी है. 

आर्यन को बाहर निकालने का भरसक प्रयास कर रहे बचावकर्मी

कई प्रयास के बाद अम्ब्रेला नुमा चक्र आर्यन के नीचे लगाया

कई प्रयासों के बाद अब अम्ब्रेला नुमा चक्र आर्यन के नीचे लगाने में सफलता मिल गई है. 

लोहे की छड़ियों से बना एक जाल जो की बच्चे के नीचे लगाया गया है. जिसे ऊपर खींचने की कोशिश की जा रही है. 

देसी जुगाड़ फिलहाल रोका, अब खुदाई के जरिये जारी ऑपरेशन

पहले बचावकर्मियों ने एक अम्ब्रेला नुमा 'गोल चक्र' बोरवेल में डालने की कोश्शि की. इस चक्र में मूवेबल ब्लेड्स लगे हुए थे. उम्मीद थी कि बच्चा इनमें फंस कर ऊपर आ जाएगा. हालांकि कई बार कोशिश करने के बाद भी इसमें सफलता नहीं मिल पाई. अब प्रशासन सिर्फ खुदाई के ज़रिये आगे रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है. 

आर्यन के बाहर आने का इंतजार करते परिजन

पांच साल के आर्यन के सलामत बाहर आने की दुआयें हर कोई कर रहा है. आर्यन की मां का रो-रोकर बुरा हाल है. अन्य परिजन घटनास्थल के बाहर जमा हैं. 

तीन एलएनटी मशीन, 10 जेसीबी और 20 ट्रैक्टर हटा रहे मिट्टी

40 फ़ीट खुदाई का काम पूरा

मासूम 160 फीट गहरे बोरवेल में करीब 147 फीट पर अटका हुआ है. बोरवेल के समीप खुदाई कर बच्चे तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है. करीब 10 जेसीबी और ट्रैक्टर से तेजी से मिट्टी निकाली जा रही है. 

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