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कॉन्स्टेबल संदीप शर्मा को शहीद का दर्जा देने की मांग, बदमाश को धौलपुर लाते समय हादसे में गई थी जान

तीन दिन पहले ही कॉन्स्टेबल संदीप शर्मा की मौत के सदमे पत्नी ने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की. अब संदीप शर्मा को शहीद का दर्जा देने की मांग जोर पकड़ने लगी है.

कॉन्स्टेबल संदीप शर्मा को शहीद का दर्जा देने की मांग, बदमाश को धौलपुर लाते समय हादसे में गई थी जान

Rajasthan News: राजस्थान में बीते दिनों पुलिस वैन और ट्रक की टक्कर में जान गंवाने वाले कॉन्स्टेबल संदीप शर्मा को शहीद का दर्जा दिलाने की मांग जोर पकड़ने लगी है. सोमवार को बड़ी संख्या में लोगों ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को मुख्यमंत्री के नाम अलग-अलग ज्ञापन दिए और परिवार के एक नौकरी के साथ संदीप शर्मा को शहीद का दर्जा देने की मांग की है. वहीं, उनके पिता नत्थीलाल शर्मा ने भी मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर शहीद का दर्जा देने की मांग की है. 

परबतसर जेल से ला रहे थे धौलपुर 

दरअसल, 03 सितंबर को चालानी गार्ड के साथ कॉन्स्टेबल संदीप शर्मा पुलिस वैन से कुख्यात अपराधी धर्मेंद्र उर्फ लुक्का को नागौर की परबतसर जेल से धौलपुर लेकर आ रहे थे. इसी दौरान जयपुर आगरा हाईवे स्थित दौसा शहर के पास पुलिस की गाड़ी और ट्रक से भीषण भिड़ंत हुई थी. बीजेपी नीरजा अशोक शर्मा ने बताया कि इस दर्दनाक सड़क हादसे में संदीप शर्मा की मौत हुई थी. संदीप की मौत से पूरा परिवार बुरी तरह से टूट गया. 

सदमे में आकर पत्नी ने की सुसाइड की कोशिश

तीन दिन पहले ही कॉन्स्टेबल संदीप शर्मा की मौत के सदमे पत्नी ने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की. फिलहाल संदीप की पत्नी का जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा है. संदीप शर्मा अपने पीछे दो बच्चे (11 साल की बेटी दीपिका और 8 साल का बेटा विवेक) छोड़ गए. अब संदीप शर्मा को शहीद का दर्जा देने की मांग जोर पकड़ने लगी है. इसके अलावा परिवार को सरकारी नौकरी के साथ आर्थिक मदद की मांग की जा रही है. 

शहीद का दर्जा और एक नौकरी देने की मांग

ज्ञापन में बताया कि साल 2022 में भरतपुर का चालानी गार्ड धौलपुर में कुख्यात अपराधी धर्मेंद्र उर्फ लुक्का की पेशी करने आया था. वापस लौटते समय बदमाश धर्मेंद्र उर्फ लुक्का के साथियों ने एनएच 123 पर चालानी गार्ड की आंखों में मिर्ची फेंक कर बदमाश धर्मेंद्र उर्फ लुक्का को छुड़ाने की कोशिश की थी.

इसी दौरान रोडवेज बस में मौजूद एक युवती वसुंधरा चौहान ने बदमाशों से मुकाबला किया था और उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया था. इसके बाद तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने वसुंधरा चौहान को पुलिस उप निरीक्षक के पद पर नियुक्ति दी थी. ऐसे में अब कुख्यात अपराधी को जेल से लाते समय सड़क दुर्घटना में जान गंवाने वाले संदीप शर्मा को भी शहीद का दर्जा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी मिलनी चाहिए.

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