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डीडवाना कस्टोडियन जमीन अतिक्रमण मामलाः ग्रामीणों का विरोध, बैरंग लौटी प्रशासनिक टीम, जानें विवाद की वजह

कस्टोडियन जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करने का अभियान प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा है. ग्रामीण अपने पूर्वजों की जमीन बताते हुए इसका जमकर विरोध कर रहे हैं. जाने पूरा मामला क्या है.

डीडवाना कस्टोडियन जमीन अतिक्रमण मामलाः ग्रामीणों का विरोध, बैरंग लौटी प्रशासनिक टीम, जानें विवाद की वजह
कस्टोडियन जमीन पर अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन की टीम

Rajasthan News: डीडवाना जिले में कस्टोडियन जमीनों को लेकर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. डीडवाना जिला प्रशासन द्वारा 624 खसरों की 753 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. जिसको लेकर ग्रामीणों द्वारा इसका जमकर विरोध देखने को मिला. शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने पहुंची प्रशासन की टीम एक बार फिर नाकाम रही और उसे बैरंग वापस जाना पड़ा. हाल ही में इस मुद्दे को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी सदन में उठाया था.

जानें कस्टोडियन मामले में विवाद की वजह?

देश के बंटवारे के बाद जो लोग पाकिस्तान चले गए थे, उनकी संपत्तियों को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया था. लेकिन लंबे समय से इन जमीनों की देखरेख पर कोई ध्यान नहीं दिए जाने पर इन पर कब्जे और अतिक्रमण हो गए थे. डीडवाना भी इससे बचा नहीं रह पाया, जिला मुख्यालय सहित आसपास के गांवों में भी कस्टोडियन जमीनों पर अतिक्रमण का मामला कई दिनों से छाया हुआ था. इन कस्टोडीयन भूमियों पर हो रखे अतिक्रमणों को हटाने के लिए डीडवाना जिला प्रशासन ने अभियान चलाया है.

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हालांकि बालिया और रामसाबास गांवों में शुक्रवार को भी अतिक्रमण नहीं हटाए जा सके, क्योंकि पुलिस और प्रशासन का अतिक्रमण हटाओ दस्ता जब कार्रवाई करने यहां पहुंचा था तो उसे विरोध का सामना करना पड़ा. इस दौरान पुलिस मौजूद रही, लेकिन विरोध के कारण प्रशासन ने कार्रवाई रोक दी, जो शुक्रवार को भी दोबारा शुरू नहीं हो सकी.

ग्रामीणों ने दी यह दलीलें

बता दें कि कस्टोडियन की बेशकीमती जमीनों से अतिक्रमण हटाए जा रहे थे, तभी वहां ग्रामीणों कि भारी भीड़ जमा हो गई और अतिक्रमण हटा रहे बुलडोजर को घेरकर कार्रवाई को रुकवा दिया. विरोध कर रहे ग्रामीणों ने कहा की जिन जमीनों से अतिक्रमण हटाए जा रहे है, वह हमारे पूर्वजों की जमीन है.

हालांकि कुछ लोग देश के बंटवारे के दौरान पाकिस्तान चले गए, लेकिन अधिकांश परिवार यहीं भारत में ही रहें. यह परिवार 77 सालों से उन जमीनों पर लगातार खेती करते आ रहे है. इस दौरान प्रशासन के अधिकारियों ने लोगों को समझाने का प्रयास किया. लोग विरोध पर अड़े रहे, जिससे अतिक्रमण हटाने के कार्रवाई को वहीं रोक दिया गया.

इस मौके पर बालिया ग्राम पंचायत के सरपंच वसीम अकरम ने बताया की प्रशासन ने अगर अन्याय किया तो ग्रामीणजन कार्रवाई नहीं करने देंगे और कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध जताएंगे.

ये भी पढ़ें- कस्टोडियन भूमि से अतिक्रमण हटाने पर सांसद हनुमान बेनीवाल ने उठाए सवाल, कहा- भाजपा के इशारे पर...

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