राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के बाद वागड़ के संतों और जनप्रतिनिधियों ने संकल्प लिया है कि अब से क्षेत्र में दीपावली और देव दिवाली के साथ-साथ हर साल 22 जनवरी को भी राम दिवाली मनाई जाएगी. इस वर्ष की तरह ही हर साल 22 जनवरी को पूरे वागड़ क्षेत्र में भव्य राम दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा. ऐसे में राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में साल में तीन दिवाली मनेगी. 22 जनवरी को राम दिपावली का आयोजन होगा.
प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव
इस साल की 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर के ऐतिहासिक कदम से अब वर्ष में हर साल इस दिन की वर्षगांठ पर दीपोत्सव और देवालयों में आयोजनों के साथ मनेगी. टेंट से रामलला के विग्रह और नवीन प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दिन सुबह से रात तक उमंग और उल्लास का माहौल था. इस दिन हर व्यक्ति ने आनंद महसूस किया.
देश-दुनिया के साथ वागढ़ में नई शुरुआत
देश-दुनिया के साथ वागढ़ में नई शुरुआत हो चुकी है. यह आनंद यात्रा अनंत वर्षों तक चलेगी. इस बारे में चर्चा करने पर संत-महात्मा, मंदिरों के महंत और ट्रस्ट सभी एकमत है. इसमें संदेह नहीं कि भविष्य में नगर निकाय भी जन जुड़ाव के दृष्टिकोण से 22 जनवरी को आयोजन की निरंतरता को बनाये रखेगा.
हर वर्ग की सहभागिता
रामोत्सव की विशिष्टता यह रही कि इसमें हर वर्ग की सहभागिता स्वेच्छा से सामने आई है. मंदिर, बाजार और सार्वजनिक स्थान हर जगह लोग साज-सज्जा, रोशनी के साथ भोजन-भजन का प्रबंध करने में जुटे दिखे. इस मुद्दे पर हर कोई सहमत है कि इस वर्ष से हर कोई मिल-जुलकर वर्ष का तीसरा दीपोत्सव 22 जनवरी को मनाएंगे.
संगत और पंगत से एकजुटता
इस विषय पर विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय सहमंत्री रामस्वरूप महाराज ने कहा कि 500 वर्ष से अधिक समय के बाद यह शुभ दिन आया. जब तक देश में संगत और पंगत चलती रहेगी कोई भी हिंदू समाज की एकजुटता पर प्रभाव नहीं डाल सकता है.
गुरुनानक देव की वाणी
गुरुनानक देवजी की यह वाणी गांव-शहर में हर जगह 22 जनवरी को चरितार्थ होती दिखी. अब इस ऐतिहासिक दिन हर वर्ष दिवाली मनाई जाएगी.
राम बड़ा रामद्वारा
राम बड़ा रामद्वारा के संत रामस्वरूप महाराज ने बताया कि 22 जनवरी का दीपोत्सव मनाया जाना वर्षों के संघर्ष और हजारों सालों के बलिदान के प्रतिफल है. यह महज 'प्रतिमा प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव' नहीं है. यह पर्व करोड़ों भारतवासियों की आस्था का आयोजन है. इस पर्व का उत्साह पूरे विश्व में छाया रहा. आगे भी यह अंतरराष्ट्रीय वार्षिकोत्सव में मनाया जाएगा.
ब्रह्मा धाम छींच
ब्रह्मा धाम छींच के महंत घनश्यामदास महाराज ने कहा कि अयोध्या का रामोत्सव नवयर प्रमाण है. पूरा विश्व राम लला के दर्शन स्तब्ध रहा. इस दिन भारत देश में ही नहीं विश्व के हर हिस्से में इस अवसर पर भव्य आयोजन हुआ. इस दिन का अद्वितीय, आध्यात्मिक क्षणों का आनंद हर वर्ष तीसरी दिवाली के रूप में मनाया जाएगा.
संत रघुवीदास महाराज
इसी तरह संत रघुवीदास महाराज ने कहा कि सदियों-सदियों तक 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को याद रखने के लिए हर साल राम दिवाली के रूप में मनाया जाएगा.
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