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This Article is From May 07, 2024

फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर डॉक्टर को फंसाया और फिर रियाद में नौकरी के नाम पर ठग लिए 1.38 लाख रुपए, मामला दर्ज

Doctor cheated in Alwar: कोटा के डॉक्टर अबरार अली से अलवर में रहते हुए सऊदी अरब के फैसल स्पेशिलिटी हॉस्पिटल रियाद में नौकरी लगाने का झांसा देकर 1 लाख 38 हजार रुपए की ठगी हो गई. अलवर के सानिया हॉस्पिटल में कार्यरत शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अबरार अली को अब डॉक्टर ने साइबर थाने में रिपोर्ट दी है.

फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर डॉक्टर को फंसाया और फिर रियाद में नौकरी के नाम पर ठग लिए 1.38 लाख रुपए, मामला दर्ज
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Doctor cheated in Alwar: नौकरी और खास कर विदेश में नौकरी दिलाने के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है. लेकिन इस फजीवाड़े के खेल में कोई डॉक्टर भी शिकार बन जाएगा, ऐसा कम ही होता है. हालांकि शातिर ठग ने कुछ ऐसा स्वांग रचा कि डॉक्टर साहब  विदेश में नौकरी पाने के चक्कर में अपना 1.38 करोड़ रुपए गंवा बैठे. मामला राजस्थान के अलवर जिले से सामने आया है. जहां ठगी के शिकार हुए डॉक्टर ने पुलिस में मामला दर्ज कराया गया. दरअसल अलवर शहर के साइबर थाने में एक डॉक्टर से सऊदी अरब में नौकरी लगवाने के नाम पर एक 138000 की ठगी करने का मामला सामने आया है पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. यह डॉक्टर कोटा के रहने वाले हैं जो अलवर में एक निजी अस्पताल में नौकरी करते हैं.

जानकारी के अनुसार राजस्थान के कोटा दादाबाड़ी के डॉक्टर अबरार अली से अलवर में रहते हुए सऊदी अरब के फैसल स्पेशिलिटी हॉस्पिटल रियाद में नौकरी लगाने का झांसा देकर  1 लाख 38 हजार रुपए की ठगी हो गई. अलवर के सानिया हॉस्पिटल में कार्यरत शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अबरार अली को अब डॉक्टर ने साइबर थाने में रिपोर्ट दी है.

कोटा निवासी डॉक्टर के साथ हुई ठगी

राजस्थान के कोटा निवासी पीड़ित डॉ अबरार के अनुसार वह  अब अलवर के रणजीत नगर में रहता है और सानिया हॉस्पिटल में नौकरी करता हैं .इसी वर्ष  गत  9 मार्च को उसके मोबाइल नंबर पर फोन आया और सऊदी अरब के फसल स्पेशिलिटी हॉस्पिटल रियाद में नौकरी करने का ऑफर किया. जिसके लिए 5500 रुपए यूपीआई के जरिए जमा करा इंटरव्यू देने की बात की गई थी. उक्त राशि यूपीआई से भेज दी गई. इसके बाद इंटरव्यू की  औपचारिकताएं पूरी की गई. इसके उपरांत  उक्त व्यक्ति द्वारा 13 मार्च से अलग-अलग बहाने कर रुपए मांगे गए. मैंने पांच बार में कुल 1 लाख 38 हजार 400 रुपए यूपीआई के जरिए भेजे . 

मुकदमा दर्ज कराने के लिए भी पीड़ित को काटना पड़ा चक्कर

इसके बाद मेरे द्वारा कई बार जॉब ऑफर लेटर मांगा गया. तब हर बार कहा गया कि दो-तीन दिन में आ जाएगा. लेकिन नहीं आया. काम नहीं होने पर आखिर में मेरे द्वारा   पैसे की मांग की गई.जब उसने पैसे नहीं दिए तो  मुझे  शक हो गया कि यह सब फर्जीवाड़ा है. इसके बाद पुलिस थाना साइबर को रिपोर्ट दी. लेकिन शुरूआत में मुकदमा ही दर्ज नहीं किया गया. 23 मार्च को ही पुलिस थाने मे रिपोर्ट दे दी थी. लेकिन दर्ज नहीं की. आखिर में एसपी के पास पहुंचना पड़ा. अब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की है. 

आरोपी का मोबाइल आज भी कर रहा काम, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

इस मामले में  पुलिस का कहना है कि यह मार्च माह की ठगी का मामला है. पुलिस जांच करने में लगी है. पीड़ित डॉक्टर का कहना है कि ठाकुर का काम तो अपराध करना है लेकिन हमारी सबसे ज्यादा शिकायत इस सिस्टम से है कि शिकायत करने के बाद भी हमारी मुकदमा दर्ज नहीं किया गया.

सबसे बड़ी बात यह है कि आज की तारीख में भी उनका मोबाइल चल रहा है जिस नंबर से मेरे से बात हुई थी. उसके बावजूद भी पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने बताया कि यह सारा काम बड़े सिस्टमैटिक तरीके से किया जाता है और उन्होंने सारा कुछ अपनी वेबसाइट पर लिखा हुआ है.

फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर फंसाया डॉक्टर को 

डॉक्टर ने कहा कि ठगी करने वाला ठग  फर्राटेदार अंग्रेजी में बातें कर रहा था . इसलिए शुरूआत में ऐसा आभास नहीं हुआ कि इस तरह भी ठगी हो सकती है. मुझसे 55 सौ रुपए लेने से शुरूआत की गई. इसके बाद अमाउंट बढ़ता गया. आखिर में मुझसे 41 हजार रुपए लिए. फिर 50 हजार की डिमांड आने पर वह समझ गया. लेकिन तब तक 1 लाख 38 हजार रुपए दे चुका था. उन्होंने इस मामले में शीघ्र कारवाही की मांग की है.

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