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This Article is From Mar 26, 2025

'सिर्फ नौकरी पाने के लिए ज्ञान का इस्तेमाल न करें', RTU के 14वें दीक्षांत समारोह में बोले राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे

Haribhau Bagade Speech in Kota: राजस्थान के राज्यपाल ने कोटा में कहा कि सबका साथ, सबका विकास ही हमारा ध्येय बने. ज्ञान का इस्तेमाल केवल रोजगार प्राप्त करने के लिए नहीं, बल्कि नवाचार और उद्यमिता के लिए भी करें.

'सिर्फ नौकरी पाने के लिए ज्ञान का इस्तेमाल न करें', RTU के 14वें दीक्षांत समारोह में बोले राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे
आरटीयू के 14वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे.
X@RajBhavanJaipur

Rajasthan News: राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे (Haribhau Bagade) मंगलवार को एक दिवसीय दौरे पर कोटा आए. यहां वे राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी (RTU) के 14वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए, जहां उन्होंने मेधावी छात्रों को डिग्री और पुरस्कार प्रदान किए. इस दौरान गवर्नर ने छात्रों और युवाओं से आग्रह किया कि वे तकनीकी प्रगति को मानवीय मूल्यों के साथ एकीकृत करें, ताकि भारत वैश्विक लीडर के रूप में उभर सके.

समारोह में कुल 9521 डिग्रियां और पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें एक चांसलर स्वर्ण पदक, एक कुलपति स्वर्ण पदक, शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए 20 स्वर्ण पदक और 36 पीएचडी डिग्रियां शामिल हैं.

'सिर्फ रोजगार के लिए न हो ज्ञान का इस्तेमाल'

बागडे ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग, इंटरनेट और रोबोटिक्स के क्षेत्र में तेजी से हो रही प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि ज्ञान का इस्तेमाल न केवल रोजगार के लिए नहीं, बल्कि नवाचार और उद्यमिता के लिए भी किया जाना चाहिए. उन्होंने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह छात्रों के समग्र विकास पर केंद्रित है और अगले 15 वर्षों में इसके ठोस परिणाम दिखेंगे.

'पर्यटन आर्थिक विकास के लिए कैटेलिस्ट का काम करता है'

बागड़े ने मंगलवार को कोटा विश्वविद्यालय के पहले औद्योगिक शैक्षणिक सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में भी शिरकत की. सम्मेलन में राज्यपाल ने कहा कि पर्यटन आर्थिक विकास के लिए उत्प्रेरक का काम करता है और सदियों से भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है. उन्होंने भारतीय स्थापत्य कला की तारीफ करते हुए कहा कि भारतीय मंदिरों और ऐतिहासिक स्मारकों ने अपनी जटिल नक्काशी और विशिष्ट शिल्प के लिए वैश्विक स्तर पर पहचान हासिल की है.

'तलपड़े ने राइट बंधुओं से पहले हवाई जहाज उड़ाया'

राज्यपाल ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी विरासत को यूरोपीय देशों ने अपना बताकर पेश किया. उन्होंने दावा किया कि मुंबई के इंजीनियर शिवकर बापूजी तलपड़े ने राइट बंधुओं से 8 साल पहले 1895 में पहला हवाई जहाज बनाया था. तलपड़े संस्कृत के विद्वान थे और उन्होंने महर्षि भारद्वाज की विमानन पर लिखी प्राचीन पुस्तक का अध्ययन किया था. उन्होंने 1895 में मुंबई में पहला हवाई जहाज डिजाइन किया और कई लोगों के सामने इसे चोपट्टी पर उड़ाया.

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