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Rajasthan Politics: ‘हमारे 7 सांसद और 40 विधायक हैं फिर भी इंसाफ मिलने में सात दिन लग गए’, हनुमान बेनीवाल बोले- दूसरी कास्ट वालों का क्या होगा?

Dr Rakesh Bishnoi News in Hindi: हनुमान बेनीवाल के बयान को जाट समाट को एकजुट करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है. मंत्री जोगाराम पटेल ने भी बिना नाम लिए उनकी मंशा पर सवाल उठाए हैं.

Rajasthan Politics: ‘हमारे 7 सांसद और 40 विधायक हैं फिर भी इंसाफ मिलने में सात दिन लग गए’, हनुमान बेनीवाल बोले- दूसरी कास्ट वालों का क्या होगा?
जयपुर की भारी बारिश में धरना देते हुए हनुमान बेनीवाल की तस्वीर.

Rajasthan News: राजस्थान में जाट-बिश्नोई समाज के मिलाकर 7 सांसद और 40 विधायक हैं. फिर भी इंसाफ मिलने में सात दिन का समय लग गया. ये कितना बड़ा दुर्भाग्य है. सोचिए, अगर डॉ. राकेश बिश्नोई की जगह किसी ऐसी जाति के बच्चे के साथ घटना हो जाती, जिसका राजस्थान में एक भी विधायक नहीं, तो उसे इंसाफ मिलने में कितना समय लगता? उसके साथ कौन खड़ा होता? यह बयान नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने शुक्रवार शाम जयपुर में सीएम आवास कूच के दौरान हुए प्रदर्शन के खत्म होने पर दिया, जिसका वीडियो इस वक्त सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

'सीएम आवास कूच मकसद नहीं था'

हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा, 'हमारा मकसद सीएम आवास कूच नहीं, बल्कि जोधपुर के एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर राकेश विश्नोई के परिवार को न्याय दिलाना था. SMS अस्पताल की मोर्चरी पर 6 दिन तक जाट और विश्नोई समुदाय के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन करने के बावजूद जब एक भी सरकारी अधिकारी/मंत्री मौके पर नहीं पहुंचे तो सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए कूच का ऐलान किया गया था. इसका असर यह हुआ है कि सरकार ने शर्तें मान ली हैं. परिजनों को लिखित में आश्वासन दिया गया है. भरोसा है दिवंगत डॉ. राकेश बिश्नोई को न्याय मिलेगा.  मेरी तरफ से उनको अश्रुपूरित श्रद्धांजलि.'

सरकार से इन सभी मांगों पर बनी सहमति

1. आईजी अंडर रेंज (जोधपुर) के सुपरविजन में पूरे मामले की जांच की जाएगी.
2. एसएन मेडिकल कॉलेज के HOD राठौर को किया एपीओ.
3. डॉ. राकेश की पत्नी को RMRS में नौकरी मिलेगी.
4. उच्च स्तरीय कमेटी का गठन, एक आरपीएस, एक प्रशासनिक अधिकारी (RAS), एक फोरेंसिक डॉक्टर और एक अन्य डॉक्टर शामिल रहेंगे. ये हाई पावर कमेटी 45 दिन में अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करेगी. यह कमेटी घटनाक्रम से लेकर कॉरिडोर बनाकर जयपुर SMS में भर्ती करने तक की घटनाक्रम का बारीकी से जांच करेगी.

अपने समाज के जनप्रतिनिधियों की आलोचना

जयपुर की बारिश में बीच सड़क पर बैठकर हुए इस प्रदर्शन के दौरान एक मौके ऐसा भी आया, जब हनुमान बेनीवाल ने अपने ही समाज के जनप्रतिनिधियों की आलोचना करनी शुरू कर दी. बेनीवाल ने कहा, '7 दिनों से जाट-बिश्नोई परिवार में चूल्हे नहीं जले हैं. हमारे समाज के मंत्री-विधायकों को शर्मा आनी चाहिए. सिर्फ एक सांसद और एक विधायक आपके बीच बैठा है. बाकी सब नेता गायब हैं. जब वो आएंगे तो आप उनसे सवाल करना कि वे कहां गायब थे? ऐसा पहली बार नहीं है जब मैं अकेला किसी की मदद के लिए आगे आया हूं. इससे पहले भी ऐसे कई मौके आए हैं, जहां हनुमान बेनीवाल ने सड़क से संसद तक लोगों के हक के लिए अकेले लड़ाई लड़ी है. फर्क बस इतना है कि अगर वो लोग साथ होते तो हमारी आवाज और बुलंद होती और न्याय मिलने में इतना समय नहीं लगता.'

जोधपुर के डॉ. राकेश बिश्नोई का केस क्या है?

डॉ. राकेश विश्नोई ने कथित तौर पर 13 जून को जहर खा लिया था और अगले दिन जयपुर के एसएमएस अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी. उनके परिवार ने दावा किया था कि राकेश को उनके HOD डॉ. राजकुमार राठौर द्वारा परेशान किया जा रहा था और वे गंभीर मानसिक संकट में थे. राठौर ने राकेश को  थीसिस पूरी करने में बाधा डालने की धमकी दी थी. राकेश ने अपनी मौत से पहले पुलिस को भी इस बारे में बताया था. इससे जुड़ा एक वीडियो पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. मामले के संबंध में राकेश के भाई किशन बिश्नोई ने जोधपुर के शास्त्री नगर थाने में डॉ. राजकुमार राठौर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. कार्रवाई के लिए परिजन पिछले 7 दिन से SMS अस्पताल के बाहर बैठे थे. अब सरकार से सहमति बनने के बाद डॉ. राकेश बिश्नोई के शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसके बाद आज उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.'

हनुमान बेनीवाल के बयान के सियासी मायने समझिए

राजस्थान में ओबीसी (विशेषकर जाट, माली, गुर्जर, मीणा, बिश्नोई,) लंबे समय से सत्ता संतुलन में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. राजस्थान का शेखावटी इलाका जाट बाहुल है. लेकिन सीकर, झुंझुनूं, नागौर के साथ जोधपुर क्षेत्र में जाट समाज का पॉलिटिक्स में बड़ा दखल रहता है. जबकि प्रदेश के जयपुर, चित्तौड़गढ़, बाड़मेर, भरतपुर, हनुमानगढ़, गंगानगर, बीकानेर, टोंक और अजमेर जिलों में भी जाट समाज चुनावी समीकरण बनाने और बिगाड़ने का दम रखता है. राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में 15 फीसदी से अधिक सीटों पर जाट समाज का कब्जा रहता है. लेकिन ज्यादातर नेता भाजपा और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं. राजस्थान के जाट करीब 100 सीटों परिणाम को प्रभावित करने की ताकत रखते हैं. हनुमान बेनीवाल के बयान से समझा जा सकता है कि वे राजस्थान में तीसरी सबसे बड़ी ताकत बनने के लिए जाट समाट को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. इससे कुछ समय पहले भी वे राजपूतों को एकजुट करने वाला बयान दे चुके हैं. 

'जिनका राजनीतिक धरातल खिसकता रहता है वो...'

डॉ. राकेश बिश्नोई आत्महत्या मामले में राजस्थान सरकार की ओर से वार्ता करने वाले कैबिनेट मंत्री जोगाराम पटेल (Jogaram Patel) ने शुक्रवार रात प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, 'सरकार शुरू से ही इस संवेदनशील मामले को लेकर परिजनों के संपर्क में थी. लेकिन कुछ लोग इसे राजनीतिक मंच बनाने की कोशिश करते रहे, जिससे वार्ता में देरी हुई.' बिना किसी का नाम लिए मंत्री पटेल ने सीधे तौर पर सांसद हनुमान बेनीवाल पर हमला बोला और कहा कि जिनका राजनीतिक धरातल खिसकता रहता है, वे ऐसे ही हथकंडों का सहारा लेते हैं. सरकार पहले दिन से परिजनों की भावनाओं के साथ खड़ी थी. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देश पर संवेदनशीलता के साथ बातचीत की गई. परिजनों की सभी मांगों पर बनी सहमति. एफआईआर की जांच एडिशनल एसपी विकास कुमार के नेतृत्व में होगी. सरकार भविष्य में ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए नई गाइडलाइन तय करेगी.

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