
Anti Narcotics Task Force Rajasthan: अब तक उड़ता पंजाब सभी ने सुना है. लेकिन उड़ता राजस्थान भी इस कतार में शामिल हो इससे पहले बढ़ते ड्रग्स के कारोबार पर नकेल कसने की कवायद शुरू हो गई है. इस कड़ी में राजस्थान पुलिस ने एक स्पेशल टास्क फोर्स की यूनिट तैयार की है. यानी एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का गठन किया जा चुका है. इसके तहत पहले बैच को मैदान में उतारा जा रहा है. बता दें, राजस्थान एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की जिम्मेदारी आईजी विकास कुमार को दी गई है. जिनके पास पहले से ही ATS का चार्ज है.
आईजी विकास कुमार ने एंटी टास्क फोर्स गठन को लेकर NDTV से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि इस यूनिट में 350 लोगों का स्टाफ होगा. वहीं 80 स्टाफ का पहला बैच तैयार कर लिया गया है.
कैसे चुने गए ये जवान ?
विकास कुमार ने बताया की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स में शामिल होने के लिए पुलिस से ही जवान चुने गए हैं. लेकिन इन्हें हैंड पिक किया गया है. जबकि इन जवानों का करियर रिकॉर्ड खंगाला गया है और खुफिया तंत्र की मदद से इनकी ईमानदारी और काम के प्रति निष्ठा का भी बैकग्राउंड चेक किया गया है. इसके अलावा 3 अफसरों के बोर्ड ने चयनित पुलिसकर्मियों का इंटरव्यू लिया. तब जाकर इन्हें एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स में शामिल किया गया है. अब इन्हें ट्रेनिंग के लिए भेजा गया.
आईजी विकास कुमार ने बताया कि 80 कर्मियों का यह पहला बैच होगा, जो न केवल ड्रग्स के खात्मे के लिए काम करेंगे. बल्कि ड्रग्स के खिलाफ जागरूकता अभियान भी चलाएंगे.
18 चौकियों को मिलेगी पूरी सुविधा
एंटी नरकटोइक्स टास्क फोर्स में 18 चौकियां होगी जो पुलिस स्टेशन से अलग होंगे. ये अलग-अलग ज़िलों में तैनात होंगी और हर चौकी में एक ASI, दो SI और 4 कांस्टेबल और एक चालक रहेगा. साथ ही इन्हें कंप्यूटर लैब और लीगल एक्सपर्ट्स और इस फील्ड में काम करने वाले प्रोफेशनल्स की भी सेवाएं मिलेंगे. हर चौकी पे व्हीकल , गाड़ी और मोटरबाइक उपलब्ध रहेगी.
एडीजे वीके सिंह ने बताया कि राजस्थान में 5 तरह के ड्रग्स का चलन है. इसमें अफीम, डोडा, गांजा, हेरोइन और MD जो एक सिंथेटिक ड्रग्स है, इसका खूब प्रचलन है. जो बढ़ता जा रहा है.
गौरतलब है कि राजस्थान विधानसभा में आंकड़े प्रस्तुत किए गए जो काफी चिंताजनक है. इसमें कहा गया है कि साल 2018 के बाद राजस्थान में 45 फीसदी नारकोटिक्स के केस में बढ़ोतरी हुई है.
क्यों बनाया गया एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स
राजस्थान में तेजी से जहरीली ड्रग्स का प्रचलन बढ़ा है. आंकड़ों के मुताबिक केवल दो वर्ष 2023-24 में ड्रग्स की जब्ती की संख्या चिंताजनक तौर पर बढ़ी है. आंकड़ों की बात करें तो साल 2023 में 3900 जब्ती हुई थी. अब वह बढ़कर 5200 हो गई है. जबकि इस साल सितंबर महीने तक 4500 जब्ती हो चुकी है. वहीं राजस्थान की रैकिंग की बात करें तो अब केरल और पंजाब के बाद देश में नशा तस्करी की जब्ती के मामले में प्रदेश सातवें स्थान पर है. वहीं एक आंकड़ा यह भी है कि 2018 के बाद ड्रग्स के मामले 45 प्रतिशत तक बढ़े हैं जो काफी चिंताजनक हैं.
पहले केवल अफीम ही व्यापक रूप से यहां उपलब्ध थी. लेकिन अब MD जैसे सिंथेटिक ड्रग्स का जाल भी फैल रहा है, जिसके जद में छोटे गांव आ चुके हैं. ड्रग्स की तस्करी को BPCD नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है. इसमें डार्क कुरियर, ड्रोन और पार्सल के जरिए डिलिवरी होती है. जबकि वित्तीय जांच से बचने के लिए क्रिप्टो करेंसी और हवाला या सोने के जरिए भुगतान किया जाता है.
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