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This Article is From Apr 24, 2024

राजस्थान में निजी स्कूलों में किताबें होंगी सस्ती, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बनाया ये प्लान

Rajasthan Private Schools: राजस्थान के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के यूनिफॉर्म एक समान होंगे. निजी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबें भी सस्ती होंगी. राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर इस पर जल्द फैसला ले सकते हैं.

राजस्थान में निजी स्कूलों में किताबें होंगी सस्ती, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बनाया ये प्लान
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि निजी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबें भी सस्ती होंगी.

Rajasthan Private Schools: राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर कोटा में बालाजी नगर विकास न्यास सभागार में निजी स्कूल के शिक्षकों के स्वागत सम्मान में गए थे. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि निजी स्कूलों के प्रति मेरी सोच सकारात्मक है.  निजी स्कूलों को चलाने में आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए मेरा विभाग पूरी तरह आपके सहयोग के लिए तत्पर है. 

सभी स्कूलों के पाठ्यक्रम और यूनिफॉर्म एक समान होंगे

शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा,  "सरकार विचार कर रही है कि प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की यूनिफॉर्म एक समान हो, जिससे बच्चों के मन में किसी प्रकार की हीन भावना पैदा ना हो. अमीर-गरीब का भेद भी मिटे. इसी प्रकार सभी स्कूलों के पाठ्यक्रम भी समान करने पर विचार किया जा रहा है. सभी निजी स्कूलों में सरकारी स्कूलों की तरह एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी जो सस्ती होंगी. जिससे अभिभावकों पर महंगी पुस्तक खरीदने का बोझ कम होगा."  

पूर्व सैनिकों को बीएड की पात्रता

मंत्री दिलावर ने कहा, "पूर्व सैनिक सेना में सेवा देते हैं. वहां उनका शिक्षा प्रशिक्षण भी होता है, लेकिन सेना के शिक्षक प्रशिक्षण की अवधि प्रदेश में चल रहे बीएड कोर्स से थोड़ी कम होती है. जिसकी वजह से शिक्षक भर्ती में पूर्व सैनिकों को पात्र नहीं माना जाता. अब हम पूर्व सैनिकों को भी बीएड के बराबर पात्र मानेंगे.  प्रदेश मे शिक्षक बनने का मौका देंगे. दिलावर ने कहा कि इतना ही नहीं शहीद हुए सैनिकों की विधवा को भी अब शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी. अभी ऐसा प्रावधान राजस्थान में नहीं है, लेकिन शिक्षा विभाग इसको लेकर प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजेगा, जिससे जल्द ही नियुक्ति का रास्ता साफ हो सके.  

स्कूलों की मान्यता पुरानी व्यवस्था पर मिलेगी  

दिलावर ने कहा कि सरकारी स्कूल में 82 लाख विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं, जबकि निजी क्षेत्र के विद्यालय 85 लाख छात्रों छात्रों को शिक्षा से जोड़ रहे हैं. दिलावर ने कहा कि आपकी मांग के अनुरूप आरटीई की वार्षिक समीक्षा जिला शिक्षा अधिकार के स्तर पर करने की बजाय मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के स्तर पर कराई जाएगी. स्कूल की मान्यता के लिए रजिस्ट्रेशन करवाने के बजाय पुरानी व्यवस्था के अनुसार नोटरी करवाने की मांगों पर सकारात्मक विचार कर निर्णय किया जायेगा. 

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