Jaisalmer: इस साल सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का असर भारत में नहीं दिखेगा. इसलिए जैसलमेर में शनिवार को महालया अमावस्या (सर्व पितृ अमावस्या) पर तर्पण का कार्यक्रम किया गया. जैसलमेर शहर स्थित मुक्तेश्वर महादेव मंदिर घाट पर पवित्र श्राद्धपक्ष में आयोजित पितृ तर्पण कार्यक्रम आश्विन कृष्ण अमावस्या शनिवार को पंडित आनंद ओझा के निर्देशन में विधि पूर्वक संपन्न हुआ. यहां विजय गोविंद व्यास के नेतृत्व में पूरे श्राद्ध पक्ष में श्रद्धालुओं ने पितृ तर्पण कार्यक्रम में भाग लेकर पितरों को जलांजलि दी.
पितृ तर्पण कार्यक्रम के समापन अवसर पर पं. आनंद ओझा के सानिध्य में यज्ञ का आयोजन भी किया गया. इसी प्रकार सर्व पितृ अमावस्या को पितृ तर्पण किया गया. पंडित आनंद ओझा द्वारा मंत्रोच्चार कर विधिवत पूजन करवाया गया. देव पूजन, ऋषि पूजन के साथ सभी पितृ का पिंड दान किया व तर्पण कार्य किया. इसके बाद सर्वकल्याण शांति के लिए गायत्री यज्ञ किया व आहुतियां दी गयी. सर्वपितृपक्ष अमावस्या को विसर्जनी अमावस्या भी कहा जाता है. मान्यता है कि पितृ पक्ष में मृत परिजनों की मृत्यु तिथि पर पिंडदान, तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है. अगर तिथि याद न हो तो महालया अमावस्या (सर्व पितृ अमावस्या) पर श्राद्ध जरूर करें, इससे उन्हें संतुष्टि मिलती है.
भारत में नहीं दिखेगा सूर्य ग्रहण:-
इस साल सर्व पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर, शनिवार को पड़ रही है. साथ ही इसी दिन सूर्य ग्रहण भी दिखेगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का सूतक काल नहीं माना जाएगा. यह ग्रहण कन्या राशि और चित्रा नक्षत्र में होगा.
सर्व पितृ अमावस्या पर करने चाहिए यह काम:-
1. अमावस्या के दिन पितृदोष और गृहदोष दूर करने के कार्य किए जाते हैं.
2. सर्व पितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का सूतक नहीं लगेगा इसलिए दान पुण्य किया जा सकता है.
3. इस दिन घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए हनुमानजी का पूजन कर सकते हैं.
4. अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में जैसे गंगा, यमुना, सरस्वती में स्नान करने का विधान है.