Rajasthan News: राजस्थान के डीडवाना के कुचामन सिटी के समीप चावंडिया गांव में नकली नोटों का मामला सामने आया है. इस गांव में दो युवक सामान खरीदने के बहाने 100- 100 रुपए के नकली नोट चलाकर ग्रामीणों को झांसा दे रहे थे. इसी दौरान शक होने पर ग्रामीणों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. पुलिस ने दोनों युवकों को आज मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया, जहां से मजिस्ट्रेट ने दोनों युवकों को पुलिस रिमांड पर सौंप दिया.
100-100 रुपये के नोटों की गड्डी
आपको बता दें, चावंडिया गांव की कुछ दुकानों पर दो युवक सामान खरीदने पहुंचे. जहां उन्होंने 100- 100 के नकली नोट चलाने का प्रयास किया. दुकानदारों ने भी नकली नोट को असली समझकर युवकों को सामान दे दिया. इस दौरान कई दुकानों पर युवकों ने 100- 100 रूपए के नकली नोट चला दिए, लेकिन जब ग्रामीणों को शक हुआ और उन्होंने नोटों की जांच की तो सभी नोट नकली जैसे नजर आए. इस पर ग्रामीणों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया. इससे दोनों युवक हड़बड़ा गए और संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए. युवकों ने मौके से भागने की कोशिश की, तभी ग्रामीणों ने दोनों युवकों को पकड़ लिया. दोनों युवकों के पास 100-100 रूपए के नोटों की गड्डियां मिली है. वहीं कुछ नकली नोट उनकी जेब में भी मिले है.
इसके पश्चात पुलिस ने ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, जिस पर पुलिस दोनों युवकों को पड़कर थाने ले गई. सूचना मिलने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ताराचंद चौधरी भी चितावा पुलिस थाने पहुंचे और मामले की जानकारी लेकर जांच शुरू की. पकड़े गए दोनों युवकों के नाम धीरेंद्र गोदारा और लोकेश बताए गए हैं. फिलहाल पुलिस युवकों से पूछताछ में जुटी है कि आखिर उनके पास नकली नोट कहां से आए और उन्होंने कहां-कहां इन नोटों को चलाया है.
7800 रुपए के नकली नोट बरामद
गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से पुलिस को 50, 100 और 500 के 7800 रुपए नकली नोट बरामद हुए हैं. साथ ही आरोपियों के पास से एक बाइक भी जब्त की गई है.
कलर प्रिंटर से स्कैन कर छापे नकली नोट
पुलिस ने जो जाली नोट जब्त किए हैं, वह सभी एक ही सीरीज के थे. प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया है कि रंगीन प्रिंटर की सहायता से नोट को स्कैन करके उन्होंने जाली नोट छापे हैं. यानी सभी नोट फोटो कॉपी के माध्यम से कलर प्रिंटर से छापे गए हैं. पुलिस ने जो जाली नोट बरामद किए हैं, वे सभी एक ही सीरीज नंबरों के बताए जा रहे हैं.
नकली नोट चलाने के अपनाते थे यह तरीका
जांच में सामने आया है कि दोनों आरोपी जिस भी दुकान पर सामान लेने जा रहे थे, वहां से केवल 20 या 30 रुपए का ही सामान लेते थे और दुकानदार को 100 या 500 का नोट देकर बाकी पैसे वापस ले लेते थे. इससे नकली नोट भी चल जाता और बाकी पैसे के रूप में उन्हें असली मुद्रा प्राप्त हो रही थी. जब बार-बार यह युवक दुकान आए और केवल 20-30 रुपए का ही सामान लिया और एक जैसे ही नोट दुकानदारों को दिए, तब ग्रामीणों को उन पर शक हुआ और उन्होंने युवकों को पकड़ लिया.
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