Food Security Portal: राजस्थान में फ्री राशन स्कीम के लिए खाद्य सुरक्षा पोर्टल फिर से खुला है. जिसके बाद खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि समाज के शोषित और वंचित तबकों को खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ना प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा गत एक वर्ष में 13 लाख लोगों को खाद्य सुरक्षा से जोड़ा गया है.
इनमें 1.60 लाख से अधिक विशेष योग्यजन भी सम्मिलित है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार विभाग लगातार खाद्य सुरक्षा से वंचित लोगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य कर रहा है. इसी क्रम में 26 जनवरी को माननीय मुख्यमंत्री के द्वारा खाद्य सुरक्षा पोर्टल को पुनः प्रारंभ किया गया.
9 लाख आवेदनों का हो रहा त्वरित निस्तारण
गोदारा ने कहा कि गत वर्षो से खाद्य सुरक्षा से जुड़ने हेतु लंबित 9 लाख आवेदनों का त्वरित निस्तारण किया जा रहा है ताकि पात्र लोग खाद्य सुरक्षा से जुड़ सकें. प्रक्रिया में शुचिता सुनिश्चित करने हेतु स्वीकृत किए गए आवेदनों की रेंडम चेकिंग का भी प्रावधान किया गया है. उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में जिला कलेक्टर को भी विशेष अपील अधिकार दिए जाकर खाद्य सुरक्षा से वंचित परिवारों को एनएफएसए से जोड़ने के लिए अधिकृत करना प्रस्तावित है.
खाद्य सुरक्षा हेतु आवेदन करना हुआ आसान
मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रारंभ किए गए पोर्टल से खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़ने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुगम बनाया गया है. पोर्टल पर आवेदन स्वयं द्वारा या ई-मित्र के माध्यम से किया जा सकता है. आवेदन स्वीकृत करने की प्रक्रिया में शूचिता सुनिश्चित करने हेतु आवेदन की त्रिस्तरीय जांच की जाएगी.
प्राप्त आवेदन निस्तारण के संबंधित अपीलीय अधिकारी के समक्ष ऑनलाइन जाएगा. अपीलीय अधिकारी द्वारा प्राप्त आवेदन को शहरी क्षेत्र में नगरीय निकायों के अधिशाषी अधिकारी/आयुक्त और ग्रामीण क्षेत्र में ब्लॉक विकास अधिकारी को जांच हेतु प्रेषित किया जाएगा.
आवेदन हेतु लगेगा 50 रुपये शुल्क
अधिकारियों द्वारा आवेदन की जांच हेतु गठित कमेटी से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर नाम जोडने के संबंध में स्पष्ट अभिमत के साथ प्रकरण अपीलीय अधिकारी को पुनः प्रेषित किया जाएगा. इसके बाद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा में नाम जोडने अथवा नहीं जोडने का निर्णय लेकर आवेदन निस्तारित किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि विभाग को पोर्टल के माध्यम से निरंतर आवेदन प्राप्त हो रहे हैं और नई दिशा निर्देशों के आलोक में उनके एक माह के अंदर निस्तारण की कारवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि ई मित्र पर आवेदन हेतु 50 रूपए का शुल्क रखा गया है. इससे अधिक राशि मांगने तथा विभाग से जुड़े किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की शिकायत आमजन द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1800-180-6030 पर की जा सकती है.
88 प्रतिशत से अधिक लोगों की E-KYC सम्पन्न
गोदारा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के दिशा निर्देशों की पालना में अधिकतम लोगों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु ई केवाईसी की प्रक्रिया को प्रभावी रूप से संपन्न करवाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 28 जनवरी 2025 तक खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत आने वाले 88 प्रतिशत से अधिक लोगों की ई केवाईसी सम्पन्न हो चुकी है.
राज्य सरकार द्वारा संवेदनशीलता के आधार पर 70 साल से ऊपर के लोगों को ई केवाईसी से छूट दी गई है. साथ ही 10 साल की आयु से कम के बच्चों को भी ई केवाईसी की बाध्यता से बाहर रखा गया है.
8.38 लाख अपात्र लोगों ने खुद छोड़ी खाद्य सुरक्षा
गोदारा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित गिव अप अभियान के अंतर्गत राज्य में अब तक 8.38 लाख से अधिक व्यक्तियों ने खाद्य सुरक्षा सूची से स्वत: अपना नाम हटवाया है. उन्होंने कहा कि गिव अप अभियान 28 फरवरी 2025 तक अनवरत जारी रहेगा. गरीबी रेखा से ऊपर उठ चुके लोगों द्वारा स्वत: अपना नाम हटवाने से राज्य सरकार और अधिक पात्र लोगों को खाद्य सुरक्षा दे पाएगी.
उन्होंने खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल सक्षम लोगों से खुद ही गिव अप अभियान से जुड़कर अपना नाम हटवाने की अपील की. उन्होंने कहा की स्वत: नाम नहीं हटवाने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा से जुड़े अपात्र परिवारों को चिन्हित कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. वसूली अथवा अन्य दंडात्मक कार्रवाई से बचने हेतु अपात्र व्यक्ति अपना नाम खाद्य सुरक्षा सूची से हटवाएं.
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