राजस्थान की राजनीति में रोज नए प्रयोग होते दिखाई दे रहे हैं. कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही डाल अपने अपने सियासी समीकरण साधने में जुटे हैं. राजस्थान की राजनीति में आज एक बड़ा उलटफेर हुआ है. राजस्थान कांग्रेस का एक बड़ा चेहरा व पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने भाजपा की सदस्यता ले ली है. इस उलटफेर से राजस्थान के सियासत में अब गर्मी दिखाई देने लगी है. इसका असर नागौर में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की सियासत पर असर दिखाई देगा.
कांग्रेस के दिग्गज नेता नाथूराम मिर्धा की पोती पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने सोमवार को दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में भाजपा का दामन थाम लिया है. नागौर की सियासत मिर्धा परिवार के इर्द-गिर्द ही घूमती नजर आई है. ऐसे में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है. वहीं, भाजपा इसे अपनी रणनीति बता रही है. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में भाजपा ज्योति मिर्धा पर दांव खेल सकती है.
बीते लोकसभा चुनाव में आरएलपी और भाजपा के गठबंधन से नागौर सीट से हनुमान बेनीवाल मैदान में उतरे थे. वहीं, कांग्रेस की टिकट पर ज्योति मिर्धा चुनाव लड़ी थी, जिसमें ज्योति मिर्धा को हर का मुंह देखना पड़ा. वर्तमान में हनुमान बेनीवाल नागौर सीट से सांसद है, लेकिन बीजेपी और आरएलपी का गठबंधन टूट चुका है.
ऐसे में यदि ज्योति मिर्धा बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ती है तो नागौर सीट पर कड़ी टक्कर की संभावना बताई जा रही है. जानकारी के अनुसार नागौर सीट जाट बाहुल्य सीट है. इस सीट पर बीजेपी को एक बड़े जाट चेहरे की तलाश थी, ऐसे में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुई ज्योति मिर्धा को भाजपा यहां से मैदान में उतर सकती है.
वहीं, इस उलटफेर के बाद अब कांग्रेस और आरएलपी के बीच नजदीकियां बढ़ सकती हैं. वर्तमान में नागौर लोकसभा सीट से हनुमान बेनीवाल सांसद हैं. यदि आरएलपी अकेले चुनाव लड़ती है तो जीत इतनी आसान नहीं होगी. देशभर की तमाम विपक्षी दलों ने मिलकर I.N.D.I.A महागठबंधन बनाया है. लोकसभा चुनाव 2024 में सभी मिलकर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे, तो ऐसे में संभावनाएं जताई जा रही है कि आरएलपी और कांग्रेस साथ मैदान में आ सकती है.
ज्योति मिर्धा 2009 में सांसद रही है वर्ष 2014 और 2019 में उन्होंने कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़ा और हार गई. आज उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली है. उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस अब दिशा भटक चुकी है, वहां कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जाती है. प्रदेश में महिला अत्याचार के मामले बढ़ रहे हैं, वर्ष 2014 के बाद मोदी जी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है पूरी दुनिया में भारत के साथ बढीं है.