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This Article is From Nov 07, 2023

Ajmer: निगम आयुक्त का फोन हैक करके DM को दी धमकी, 3 महीने बाद पूर्व पार्षद और उसका बेटा गिरफ्तार

AMC Commissioner Phone Hacking Case: जून महीने से अजमेर नगर निगम आयुक्त का फोन हैक करके डीएम समेत कई अधिकारियों को धमकी भरे कॉल किए गए थे, जिसकी जांच करते हुए अब पुलिस ने पूर्व पार्षद और उसके बेटे को गिरफ्तार किया है.

Ajmer: निगम आयुक्त का फोन हैक करके DM को दी धमकी, 3 महीने बाद पूर्व पार्षद और उसका बेटा गिरफ्तार
आईटी एक्ट में गिरफ्तार पूर्व पार्षद और उसका बेटा.

Ajmer News: अजमेर नगर निगम आयुक्त का फोन हैक करके जिला कलेक्टर समेत कई अन्य अधिकारियों को धमकी देकर परेशान करने वाले शातिर बाप-बेटे की जोड़ी को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. करीब तीन महीने तक चली जांच के बाद ये गिरफ्तारी सोमवार को की गई है. जांच में खुलासा हुआ है कि पूर्व पार्षद अशोक मलिक व उसके बेटे द्रुपद मलिक ने फर्जी ऐप का इस्तेमाल करके इस वारदात को अंजाम दिया है. 

आईटी एक्स्पर्ट है द्रुपद

सदर कोतवाली थानाधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि, 'पुलिस की साइबर सेल द्वारा की गई पड़ताल में ये खुलासा हुआ है कि द्रुपद कंप्यूटर आदि में एक्सपर्ट है. उसने 20-21 जून में एक फर्जी ऐप के जरिए आयुक्त सुशील कुमार के मोबाइल नंबर से उनके रिश्तेदार व अन्य उच्चाधिकारी को कॉल कर परेशान किया. निगम आयुक्त के नाम से आए कॉल से जिला कलेक्टर भी परेशान रहीं. मामले में जांच करने पर आयुक्त की ओर से कॉल नहीं करना सामने आया. इसके बाद निगम आयुक्त ने 16 अगस्त को कोतवाली थाने में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 170, 186, 416, 419, 468, 469 व आईटी एक्ट 66(सी), 66(डी) में मामला दर्ज कराया था. 

CDR में कॉल नहीं

अपनी रिपोर्ट में निगम आयुक्त ने बताया कि उनका मोबाइल हैक करके उनके नंबर से 21 जून की देर रात करीब 12:30 से 2 बजे और सुबह 7:30 से 9 बजे व दोपहर 12:30 से 2 बजे तक अलग-अलग समय पर जिला कलेक्टर भारती दीक्षित समेत नगर निगम के अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अधिकारियों को कॉल हुए, जबकि उनके मोबाइल की सीडीआर में कॉल दिखाई नहीं दे रही थी. उन्होंने किसी भी व्यक्ति को कॉल नहीं किया था.

बेटे को नौकरी दिलाने की मंशा

इसके बाद से ही पुलिस केस की जांच कर रही थी, और करीब 3 महीने बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस की सख्ती से पूछताछ में ये भी सामने आया है कि अशोक मलिक प्रशासनिक अधिकारियों पर रौब जमाने और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में पुत्र को नौकरी दिलाने की मंशा से आयुक्त सुशील कुमार व जिला कलेक्टर को परेशान कर रहा था. पुलिस ने अशोक व द्रुपद के मोबाइल व उनका लेपटॉप जब्त कर लिया है. इनसे भी पुलिस को कई राज खुलने की उम्मीद है. पुलिस कार्रवाई में साइबर सेल के सहायक उपनिरीक्षक रणवीर सिंह, सिविल लाइन के एएसआई रूपाराम, सिपाही विजय सिंह, सौदान, चन्द्रकाश, रामावतार, कमलेश शामिल रहे. 

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